Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

नेहरु जी से पहले इस मुस्लिम शख्स ने लाल किले पर फहराया था तिरंगा, शाहरुख खान से है खास रिश्ता

Advertiesment
हमें फॉलो करें shahrukh khan

WD Feature Desk

, सोमवार, 11 अगस्त 2025 (17:45 IST)
who hoisted tricolor at Red Fort for the first time: भारत की आजादी की कहानी अनगिनत बलिदानों और संघर्षों से भरी हुई है। जब हम लाल किले पर तिरंगा फहराने की बात करते हैं, तो अक्सर हमारे मन में पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम आता है, जिन्होंने 15 अगस्त 1947 को यह ऐतिहासिक कार्य किया था। लेकिन इतिहास के पन्नों में एक ऐसे वीर का भी नाम दर्ज है, जिसने आजादी से पहले ही, ब्रिटिश झंडे को उतारकर लाल किले पर भारतीय तिरंगे को फहराने का साहस दिखाया था। ये थे मेजर जनरल शाहनवाज खान।

कौन थे मेजर जनरल शाहनवाज खान?
आजादी के लिए अपनी शहादत देने वाले क्रांतिवीरों में एक मेजर जनरल शाहनवाज खान का जन्म 24 जनवरी 1914 में रावलपिंडी (अब पाकिस्तान) के मटौर गांव में हुआ था। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख सेनानी और भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के एक बहादुर अधिकारी थे। 1943 में, उन्होंने अपनी सैन्य सेवा छोड़ दी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए। उनकी बहादुरी और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए, दिसंबर 1944 में उन्हें मांडले में INA की पहली डिवीजन का कमांडर नियुक्त किया गया।

लाल किले पर तिरंगा फहराने का ऐतिहासिक कार्य
मेजर जनरल शाहनवाज खान का सबसे बड़ा साहस और समर्पण उस समय सामने आया, जब उन्होंने लाल किले पर तिरंगा फहराने का ऐतिहासिक कार्य किया। यह कोई औपचारिक समारोह नहीं था, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में उनके अदम्य साहस का प्रतीक था। उन्होंने ब्रिटिश शासन को सीधी चुनौती देते हुए, अंग्रेजों के झंडे को उतारकर भारतीय तिरंगे को फहराया। यह घटना आजादी के आंदोलन के लिए एक बड़ा प्रेरणास्रोत बनी और इसने भारतीय सैनिकों में एक नई ऊर्जा भर दी।

शाहरुख खान से है खास रिश्ता
मेजर जनरल शाहनवाज खान का एक और रोचक पहलू है, जो उन्हें आज भी चर्चा में रखता है। उनका बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान से एक खास रिश्ता है। दरअसल, मेजर जनरल शाहनवाज खान, शाहरुख खान की मां लतीफ फातिमा के दत्तक पिता थे। यह रिश्ता उनके गौरवशाली इतिहास को वर्तमान पीढ़ी से भी जोड़ता है।
मेजर जनरल शाहनवाज खान जैसे गुमनाम नायकों का योगदान हमारी आजादी की नींव है। उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि स्वतंत्रता की लड़ाई सिर्फ कुछ नेताओं तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें हर उस व्यक्ति का योगदान था जिसने अपने जीवन को देश के लिए समर्पित कर दिया। उनका साहस और बलिदान हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
ALSO READ: किसने डिजाइन किया था भारत का राष्ट्र ध्वज? जानिए तिरंगे की ऐतिहासिक यात्रा की कहानी



Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

OPS vs NPS : पुरानी पेंशन स्कीम क्या होगी बहाल? निर्मला सीतारमण ने दी बड़ी जानकारी