84 महादेव : श्री पुष्पदन्तेश्वर महादेव(77)

Webdunia
काफी समय पहले एक ब्राह्मण था तिमि। उसके कोई पुत्र नहीं था। उसने कई प्रकार से भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की। शिव के प्रसन्न न होने पर उसने और भी अधिक कठोर तप प्रांरभ कर दिया, इस प्रकार 12 वर्ष बीत गए। एक दिन माता पार्वती ने भगवान शंकर को कहा कि यह तिमि नामक ब्राह्मण कई वर्षों से आपकी आराधना कर रहा है। उसके तेज से पर्वत प्रकाशमान है। समुद्र सूख रहा है। आप उसकी कामना की पूर्ति करें। पार्वती की बात मानकर शिव ने अपने गणो को बुलाया और कहा कि तुम में से कोई एक ब्राह्मण के यहां पुत्र रूप में जन्म लो। इस पर शिव के एक गण पुष्पदंत ने कहा कि प्रभु कहां पृथ्वी पर जन्म लेकर दुख भोगेंगे हम आपके पास कुशल से हैं। शिव ने क्रोध में कहा कि तुमने मेरी आज्ञा नहीं मानी अब तुम ही पृथ्वी जाओ।

शिव के श्राप के कारण पुष्पदंत पृथ्वी पर गिर पड़ा। शिव ने दूसरे गण वीरक से कहा वीरक तुम ब्राह्मण के घर जन्म लो, मैं तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करूंगा। पुत्र पाकर ब्राह्मण प्रसन्न हुआ। दूसरी ओर पुष्पदंत रूदन करने लगा कि उसने शिव की आज्ञा नहीं मानी। तब पार्वती ने उससे कहा कि पुष्पदंत तुम महाकाल वन के उत्तर में महादेव है उनका पूजन करो। शिव ने भी पुप्पदंत को शिवलिंग की उपासना करने की आज्ञा दी। पुष्पदंत महाकाल वन गया। वहां शिवलिंग के दर्शन कर पूजन किया। उसके पूजन से शिव प्रसन्न हुए। अपनी गोद में बैठाया। उसे उत्तम स्थान दिया।

पुष्पदंत के पूजन करने के कारण शिवलिंग पुष्पदंतेश्वर के नाम से विख्यात हुआ। मान्यता है कि जो भी मनुष्य पुष्पदंतेश्वर के दर्शन करेगा उसके कुल में सात कुलों का उद्धार होगा। अंतकाल में शिवलोक को प्राप्त करेगा। यह मंदिर तेली की धर्मशाला के पास एक गली में है। 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बसंत पंचमी का दूसरा नाम क्या है? जानें कैसे मनाएं सरस्वती जयंती

gupt navratri 2025: माघ गुप्त नवरात्रि में कौनसी साधना करना चाहिए?

मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए बसंत पंचमी पर लगाएं इन 5 चीजों का भोग?

जया और विजया एकादशी में क्या है अंतर?

फरवरी 2025 के प्रमुख व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट

सभी देखें

धर्म संसार

vasant panchami: बसंत पंचमी के 8 सबसे खास उपाय और 5 कार्य से आएगी जीवन में सुख, शांति और समृद्धि

gupt navratri: गुप्त नवरात्रि की 3 देवियों की पूजा से मिलेगा खास आशीर्वाद

तिलकुंद/वरद चतुर्थी व्रत पर कैसे करें पूजन, जानें डेट, महत्व और पूजा विधि

नर्मदा जयंती कब है, जानिए माता की पूजा का शुभ मुहूर्त और नदी का महत्व

Mahakumbh: क्या रहस्यमयी लोक ज्ञानगंज के संन्यासी भी आए हैं कुंभ मेले में गंगा स्नान करने?