ओबामा के लिए कैसा रहेगा वर्ष 2009

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अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक दल के सर्वप्रथम अश्वेत राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए बराक ओबामा स्वच्छ राजनीति के पक्षधर हैं।

अमेरिका वर्तमान में अभूतपूर्व आर्थिक संकट से गुजर रहा है तब ऐसी स्थिति में देश को संकट से बाहर लाने का यक्ष प्रश्न तथा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार, विश्व का अन्य देशों के साथ संबंध आदि अनेक समस्याओं और उत्तरदायित्वों के बीच देश की बागडोर संभालने वाले ओबामा के लिए वर्ष 2009 कैसा होगा? इस संबंध में गणेशजी ने यहाँ फलकथन किया है- इसे देखें

कुंडली का विश्लेष ण : तृतीयेश गुरु नीचे का है परंतु वह लग्न में स्वगृही शनि के साथ होने से नीच भंगराजयोग होता है, जो नाम, की‍‍‍र्ति और सफलता दिलाता है। गुरु और बुध आमने-सामने होने से वे बुद्धिमान और वाकपटुता तथा विनोदवृत्ति से युक्त हैं।

शक्तिशाली गुरु, शनि और बुध उसे प्रतिभाशाली वकील और शिक्षक बनाते हैं। इस बुध की लग्न और लग्नेश पर दृष्टि है, जो उसे खूब अच्छी वक्तृत्व शक्ति और वाकपटुता प्रदान करता है। राजनीतिज्ञ के लिए कुंडली में बलवान शनि आशीर्वाद के समान होता है।

ओबामा की कुंडली में शनि लग्न में विराजमान होकर महापुरुष योग बनाता है और वर्गोत्तम होने से खूब शक्तिशाली बनता है। ये बातें उनके शक्तिशाली चारित्र्य और महान नेता के गुणों को निर्दिष्ट करती हैं। पंचम स्थान में उच्च का चंद्र करिश्मायुक्त व्यक्ति बनाता है।

2009 में ग्रहों का प्रभाव : 25 मार्च 2009 तक ओबामा गुरु-चंद्र की दशा-अनदशा के प्रभाव में रहेंगे। गुरु और चंद्र नवपंचम में हैं और राजयोग में भी सम‍ाविष्ट हैं। अत: 8 मार्च 2009 तक उन्हें प्रत्येक जगह से सहयोग और प्रशंसा प्राप्त होगी। किंतु 9 मार्च से 18 अप्रैल के बीच का समय उनके लिए बहुत जटिल रहेगा। उनकी सृजनात्मक शक्तियों को उल्लेखनीय मात्रा में चोट पहुँचेगी जिससे वे सही-गलत परिस्थिति को अच्छी तरह पहचान नहीं सकेंगे। इस समय सही निर्णय लेने के लिए उन्हें सावधानी रखनी पड़ेगी।

25 मार्च 2009 से आगे वे मंगल की दशा-अंतरदशा में से गुजरेंगे। उनका मंगल आठवें भाव में राहु के साथ है। मंगल दशानाथ गुरु से आठवें भाव में है। आठवें भाव में मंगल, प्लूटो और राहु विराजमान हैं।

इसीलिए उन्हें खूब कठिन परिस्थितियों और समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, जिसे संभालना उनके लिए अत्यंत कठिन होगा। इस समय में उनके उत्साह और जोश में भी कमी आएगी। परिस्थिति को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा। इसके साथ ही उन पर दबाव बढ़ना भी शुरू होगा और सितंबर 2009 तक वे इस प्रकार मानसिक तनाव सहन करते रहेंगे। इस दौरान उन्हें अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए।

मध्य सितंबर 2009 से वे थोड़ी-सी राहत का अनुभव करेंगे और 11 सितंबर से 19 अक्टूबर 2009 के बीच वे स्थायी प्रभावकारी कुछ निर्णायक कदम उठाएँगे, ऐसी संभावना है। मध्य नवंबर के बाद के समय में वे आत्मविश्वास से कार्य करेंगे और इस समय में उठाए गए कदम उनकी प्रतिष्ठा और गरिमा में वृद्धि करेंगे। इसके अतिरिक्त कुछ महान व्यक्ति उनका पक्ष लेंगे।

साभार - गणेशास्पीक्स टीम

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