2015 में टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा ने रचा इतिहास

Webdunia
भारतीय टेनिस के इतिहास में 2015 का साल सानिया मिर्जा के नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज रहेगा। टेनिस स्टार सानिया ने इस साल हैरतअंगेज कामयाबियां हासिल की और दो ग्रैंड सहित कुल 10 खिताब अपने नाम किए जो आज तक कोई भारतीय खिलाड़ी नहीं कर पाया है। 
सानिया के साथ 42 वर्षीय लिएंडर पेस ने भी इस साल को अपने लिए यादगार बनाया और तीन मिश्रित युगल ग्रैंड स्लैम जीते। एकल मुकाबलों में यूकी भांबरी ने साल के आखिर तक जाते जाते दुनिया के शीर्ष 100 खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा लिया।
 
विश्व की नंबर एक महिला युगल खिलाड़ी सानिया के लिए 29 अगस्त का दिन उनके जीवन का सबसे यादगार दिन बन गया जब उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के सर्वोच्च राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा। हालांकि खेल मंत्रालय द्वारा सानिया को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने की कई हलकों में आलोचना भी हुई थी और एक समय तो उनका 'खेल रत्न' खतरे में पड़ता दिख रहा था।
 
29 अगस्त से पहले 28 अगस्त की शाम को राजधानी का मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, राष्ट्रीय खेल पुरस्कार विजेताओं के लिए रात्रि भोज का कार्यक्रम और इंतजार खिलाड़ियों का लेकिन सबसे ज्यादा बेताबी टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को देखने की। 
 
दरअसल सानिया को अगले दिन राष्ट्रपति भवन में देश के सर्वोच्च राजीव गांधी 'खेल रत्न' पुरस्कार से नवाजा जाना था लेकिन 24 घंटे पहले तक आशंका लगी हुई थी कि सानिया को यह पुरस्कार मिल पाएगा या नहीं। खिलाड़ियों की बस नेशनल स्टेडियम के मुख्य द्वार तक पहुंची और मीडियाकर्मियों के कैमरों के फ्लैश सानिया को देखते ही चमकने लगे।
खेल रत्न मिलने के बाद सानिया ने यह कहा...अगले पन्ने पर पढ़ें

सानिया ने 2015 में जैसा प्रदर्शन किया वैसा प्रदर्शन इससे पहले भारतीय टेनिस इतिहास में कभी किसी खिलाड़ी ने नहीं किया था और इस वर्ष खिताबी सफलताओं के मामले में सानिया को यदि प्लेयर आफ द ईयर कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। एक साल में 10 खिताब जीतना एक महान उपलब्धि है जो इस साल दुनिया के नंबर एक पुरुष एकल खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच ही हासिल कर पाए हैं। जोकोविच ने इस साल कुल 11 खिताब जीते हैं।
भारतीय टेनिस स्टार ने व्यक्तिगत तौर पर साल में कुल 10 युगल खिताब जीते जबकि अपनी जोड़ीदार स्विटजरलैंड की मार्टिना हिंगिस के साथ उन्होंने कुल नौ खिताब कब्जाए। सानिया ने डब्ल्यूटीए फाइनल्स में अपने खिताब को भी बरकरार रखा। 
 
उन्होंने गत वर्ष जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ यह खिताब जीता था। सानिया ने इस साल मार्च में इंडियन वेल्स में हिंगिस के साथ जोड़ी बनाने का फैसला किया और दोनों ने इंडियन वेल्स में खिताब जीतकर साल की सबसे सफल जोड़ी बनने की शुरूआत की।
 
सानिया इससे पहले जनवरी में अमेरिका की बेथानी माटेक सैंड्स के साथ सिडनी इंटरनेशनल में खेली थी और तब उन्होंने सिडनी टूर्नामेंट का खिताब जीता था। लेकिन वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैमआस्ट्रेलियन ओपन में सानिया का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। 
 
इसके बाद उन्होंने नई जोड़ीदार की तलाश की और यह तलाश हिंगिस पर जाकर खत्म हुई। दोनों ने इंडियन वेल्स में खिताब जीता लेकिन वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन में उनका सफर क्वार्टरफाइनल में ही समाप्त हो गया। विंबलडन के फाइनल में इस जोड़ी ने रूस की एकातेरिना माकारोवा और एलीना वेस्नीना को तीन सेटों के संघर्ष में पराजित किया।
 
विंबलडन का खिताब सानिया के करियर का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट था। हालांकि इससे पहले मई में वह विश्व की नंबर एक महिला युगल खिलाड़ी बनने की उपलब्धि हासिल कर चुकी थीं। इन दो बड़ी कामयाबियों ने सरकार को उनका नाम 'खेल रत्न' के लिए भेजने पर मजबूर किया। 
 
हालांकि आलोचकों ने इस बात को लेकर सवाल उठाए कि वह युगल खिलाड़ी हैं और उनकी सफलता में उनकी जोड़ीदार का भी हाथ होता है। सानिया ने अपने रैकेट से आलोचकों को आड़े हाथों लिया और एक के बाद एक कामयाबी हासिल करते हुए आलोचकों को बताया कि सफलता कैसे हासिल की जाती है।
 
सानिया और हिंगिस की जोड़ी का सफलता का सफर मार्च में ही मियामी ओपन, अप्रैल में चार्ल्सटन कप, जुलाई में विंबलडन ,सितंबर में यूएस ओपन, सितंबर में ग्वांगझू ओपन, अक्टूबर में वुहान ओपन और चाइना ओपन तथा डब्ल्यूटीए फाइनल्स कप खिताब तक पहुंच गया। सानिया और हिंगिस ने अपने आखिरी 22 मैचों में अपराजित रहीं।
 
सानिया और हिंगिस साल का अंत नंबर एक जोड़ी के रूप में किया जो उनकी एक और बड़ी उपलब्धि है। युगल में सानिया के प्रदर्शन का आंकलन उनकी जोड़ीदार हिंगिस के शब्दों से किया जा सकता है जिन्होंने कहा 'सानिया जब कोर्ट में मेरे साथ खेलती हैं तो हमारा एक पक्ष पूरी तरह सुरक्षित रहता है। वह अविश्वसनीय खेल का प्रदर्शन करती हैं और उनके साथ खेलना मेरे लिए बड़े गर्व की बात है।'
 
महिला स्टार के अलावा लिएंडर पेस का मिश्रित युगल में प्रदर्शन भी काबिलेतारीफ रहा और उन्होंने मार्टिना हिंगिस के साथ आस्ट्रेलियन, विंबलडन और यूएस ओपन के खिताब जीते। पेस के ग्रैंड स्लैमखिताबों की संख्या 17 पहुंच चुकी है। 
 
पेस के अलावा यूकी के लिए भी यह साल यादगार रहा, जिसमें उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ 93वीं रैंकिंग हासिल कर ली। यूकी ने 2015 की शुरूआत 315वें स्थान से की थी और साल की समाप्ति तक वह 93वें नंबर पर पहुंच गए। भारत इस साल डेविस कप विश्व ग्रुप के प्लेआफ में पहुंचकर चेक गणराज्य से हारा।

सानिया ने 2015 में जैसा प्रदर्शन किया वैसा प्रदर्शन इससे पहले भारतीय टेनिस इतिहास में कभी किसी खिलाड़ी ने नहीं किया था और इस वर्ष खिताबी सफलताओं के मामले में सानिया को यदि प्लेयर आफ द ईयर कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। एक साल में 10 खिताब जीतना एक महान उपलब्धि है जो इस साल दुनिया के नंबर एक पुरुष एकल खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच ही हासिल कर पाए हैं। जोकोविच ने इस साल कुल 11 खिताब जीते हैं।
भारतीय टेनिस स्टार ने व्यक्तिगत तौर पर साल में कुल 10 युगल खिताब जीते जबकि अपनी जोड़ीदार स्विटजरलैंड की मार्टिना हिंगिस के साथ उन्होंने कुल नौ खिताब कब्जाए। सानिया ने डब्ल्यूटीए फाइनल्स में अपने खिताब को भी बरकरार रखा। 
 
उन्होंने गत वर्ष जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ यह खिताब जीता था। सानिया ने इस साल मार्च में इंडियन वेल्स में हिंगिस के साथ जोड़ी बनाने का फैसला किया और दोनों ने इंडियन वेल्स में खिताब जीतकर साल की सबसे सफल जोड़ी बनने की शुरूआत की।
 
सानिया इससे पहले जनवरी में अमेरिका की बेथानी माटेक सैंड्स के साथ सिडनी इंटरनेशनल में खेली थी और तब उन्होंने सिडनी टूर्नामेंट का खिताब जीता था। लेकिन वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैमआस्ट्रेलियन ओपन में सानिया का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। 
 
इसके बाद उन्होंने नई जोड़ीदार की तलाश की और यह तलाश हिंगिस पर जाकर खत्म हुई। दोनों ने इंडियन वेल्स में खिताब जीता लेकिन वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन में उनका सफर क्वार्टरफाइनल में ही समाप्त हो गया। विंबलडन के फाइनल में इस जोड़ी ने रूस की एकातेरिना माकारोवा और एलीना वेस्नीना को तीन सेटों के संघर्ष में पराजित किया।
 
विंबलडन का खिताब सानिया के करियर का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट था। हालांकि इससे पहले मई में वह विश्व की नंबर एक महिला युगल खिलाड़ी बनने की उपलब्धि हासिल कर चुकी थीं। इन दो बड़ी कामयाबियों ने सरकार को उनका नाम 'खेल रत्न' के लिए भेजने पर मजबूर किया। 
 
हालांकि आलोचकों ने इस बात को लेकर सवाल उठाए कि वह युगल खिलाड़ी हैं और उनकी सफलता में उनकी जोड़ीदार का भी हाथ होता है। सानिया ने अपने रैकेट से आलोचकों को आड़े हाथों लिया और एक के बाद एक कामयाबी हासिल करते हुए आलोचकों को बताया कि सफलता कैसे हासिल की जाती है।
 
सानिया और हिंगिस की जोड़ी का सफलता का सफर मार्च में ही मियामी ओपन, अप्रैल में चार्ल्सटन कप, जुलाई में विंबलडन ,सितंबर में यूएस ओपन, सितंबर में ग्वांगझू ओपन, अक्टूबर में वुहान ओपन और चाइना ओपन तथा डब्ल्यूटीए फाइनल्स कप खिताब तक पहुंच गया। सानिया और हिंगिस ने अपने आखिरी 22 मैचों में अपराजित रहीं।
 
सानिया और हिंगिस साल का अंत नंबर एक जोड़ी के रूप में किया जो उनकी एक और बड़ी उपलब्धि है। युगल में सानिया के प्रदर्शन का आंकलन उनकी जोड़ीदार हिंगिस के शब्दों से किया जा सकता है जिन्होंने कहा 'सानिया जब कोर्ट में मेरे साथ खेलती हैं तो हमारा एक पक्ष पूरी तरह सुरक्षित रहता है। वह अविश्वसनीय खेल का प्रदर्शन करती हैं और उनके साथ खेलना मेरे लिए बड़े गर्व की बात है।'
 
महिला स्टार के अलावा लिएंडर पेस का मिश्रित युगल में प्रदर्शन भी काबिलेतारीफ रहा और उन्होंने मार्टिना हिंगिस के साथ आस्ट्रेलियन, विंबलडन और यूएस ओपन के खिताब जीते। पेस के ग्रैंड स्लैमखिताबों की संख्या 17 पहुंच चुकी है। 
 
पेस के अलावा यूकी के लिए भी यह साल यादगार रहा, जिसमें उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ 93वीं रैंकिंग हासिल कर ली। यूकी ने 2015 की शुरूआत 315वें स्थान से की थी और साल की समाप्ति तक वह 93वें नंबर पर पहुंच गए। भारत इस साल डेविस कप विश्व ग्रुप के प्लेआफ में पहुंचकर चेक गणराज्य से हारा।
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