आलोक श्रीवास्तव की रचना 5 : ये इश्क़ क्या है

Webdunia
शुक्रवार, 3 जुलाई 2015 (13:34 IST)
सखी पिया को जो मैं न देखूं तो कैसे काटूं अंधेरी रतियां,1
कि जिनमें उनकी ही रौशनी हो, कहीं से ला दो मुझे वो अंखियां.
 
दिलों की बातें दिलों के अंदर, ज़रा सी ज़िद से दबी हुई हैं,
वो सुनना चाहें ज़ुबां से सब कुछ, मैं करना चाहूं नज़र से बतियां.
ये इश्क़ क्या है, ये इश्क़ क्या है, ये इश्क़ क्या है, ये इश्क़ क्या है, 
सुलगती सांसें, तरसती आंखें, मचलती रूहें, धड़कती छतियां. 
 
उन्हीं की आंखें, उन्हीं का जादू, उन्हीं की हस्ती, उन्हीं की ख़ुशबू,
किसी भी धुन में रमाऊं जियरा, किसी दरस में पिरो लूं अंखियां. 
 
मैं कैसे मानूं बरसते नैनो कि तुमने देखा है पी को आते,
न काग बोले, न मोर नाचे, न कूकी कोयल, न चटखी कलियां.
 
 
1. अमीर खुसरो को ख़िराजे-अक़ीदत जिनके मिसरे पर यह ग़ज़ल हुई।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

चलती गाड़ी में क्यों आती है नींद? जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण

सर्दियों में नाखूनों के रूखेपन से बचें, अपनाएं ये 6 आसान DIY टिप्स

क्या IVF ट्रीटमेंट में नॉर्मल डिलीवरी है संभव या C - सेक्शन ही है विकल्प

कमर पर पेटीकोट के निशान से शुरू होकर कैंसर तक पहुंच सकती है यह समस्या, जानें कारण और बचाव का आसान तरीका

3 से 4 महीने के बच्चे में ये विकास हैं ज़रूरी, इनकी कमी से हो सकती हैं समस्याएं

सभी देखें

नवीनतम

नैचुरल ब्यूटी हैक्स : बंद स्किन पोर्स को खोलने के ये आसान घरेलू नुस्खे जरूर ट्राई करें

Winter Skincare : रूखे और फटते हाथों के लिए घर पर अभी ट्राई करें ये घरेलू नुस्खा

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती पर लगाएं इन चीजों का भोग, अभी नोट करें

चाहे आपका चेहरा हो या बाल, यह ट्रीटमेंट करता है घर पर ही आपके बोटोक्स का काम

डायबिटीज के लिए फायदेमंद सर्दियों की 5 हरी सब्जियां ब्लड शुगर को तेजी से कम करने में मददगार