वर दे, वीणावादिनि वर दे !

Webdunia
FILE

 

 

वर दे, वीणावादिनि वर दे !

प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव

भारत में भर दे !

 

काट अंध-उर के बंधन-स्तर...

बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;

कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर

जगमग जग कर दे !

 

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव

नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;

नव नभ के नव विहग-वृंद को

नव पर, नव स्वर दे !

 

वर दे, वीणावादिनि वर दे।

 

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों को करें तर्पण, करें स्नान और दान मिलेगी पापों से मुक्ति

जानिए क्या है एकलिंगजी मंदिर का इतिहास, महाराणा प्रताप के आराध्य देवता हैं श्री एकलिंगजी महाराज

Saturn dhaiya 2025 वर्ष 2025 में किस राशि पर रहेगी शनि की ढय्या और कौन होगा इससे मुक्त

Yearly Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों का संपूर्ण भविष्‍यफल, जानें एक क्लिक पर

Family Life rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की गृहस्थी का हाल, जानिए उपाय के साथ

सभी देखें

धर्म संसार

Weekly Horoscope 2-8 Dec 2024: दिसंबर का पहला सप्ताह किसके लिए रहेगा लकी, पढ़ें अपना साप्ताहिक राशिफल

Weekly Calendar 2024: दिसंबर महीने के पहले सप्ताह के शुभ मुहूर्त (जानें 02 से 08 दिसंबर तक)

Aaj Ka Rashifal: दिसंबर माह का पहला दिन क्या लाया है आपके लिए, पढ़ें अपना राशिफल

01 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन

धनु संक्रांति कब है क्या होगा इसका फल?