कलियुग के श्रीराम हैं सां ई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हा ई
कलियुग के तुम ब्रह्म ा, विष्ण ु, कलियुग के शिवशंकर सां ई
जय-जय सां ई, ॐ सां ई, सत्य सनातन कण-कण सां ई
कलियुग के गुरुनानक सां ई, कालचक्र के क्षण-क्षण सां ई,
कलियुग के श्रीराम हैं सां ई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हा ई
कलियुग के तुम ब्रह्म ा, विष्ण ु, कलियुग के शिवशंकर सां ई
जय-जय सां ई, ॐ सां ई, सत्य सनातन कण-कण सां ई
जब-जब विपदा मुझ पर आ ई, क्रूर धूप जब जग पर छा ई
बदली बनकर नीलगगन स े, मन आंगन पर करुण बनक र
परछाईं बन छाये सांई ।
कलियुग के श्रीराम हैं सां ई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हा ई
कलियुग के तुम ब्रह्म ा, विष्ण ु, कलियुग के शिवशंकर सां ई
जय-जय सां ई, ॐ सां ई, सत्य सनातन कण-कण सां ई
अवनि अंबर तुमसे सां ई, तुम ही हो जग की सच्चा ई,
जब-जब छाया जग अंधियार ा, जल से ज्योति जलाये सां ई,
कलियुग के श्रीराम हैं सां ई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हा ई
कलियुग के तुम ब्रह्म ा, विष्ण ु, कलियुग के शिवशंकर सां ई
जय-जय सां ई, ॐ सां ई, सत्य सनातन कण-कण सां ई
कहने को तुम शिरडी वाल े, किंतु सच में सबके सां ई,
जिसने भी चाहा है मन स े, उसका घर शिरडी बन जात ा,
सांई खुद चलकर आते है ं, संग-संग आती द्वारका मा ई
कलियुग के श्रीराम हैं सां ई, कलियुग के श्रीकृष्ण कन्हा ई
कलियुग के तुम ब्रह्म ा, विष्ण ु, कलियुग के शिवशंकर सां ई
जय-जय सां ई, ॐ सां ई, सत्य सनातन कण-कण सां ई