मनोवांछित फल देगी यह भैरव आरती...

Webdunia
भगवान श्री कालभैरव की आरती 
 
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैंरव देवा।
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।
 
तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक।
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।
 
वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी।
महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।।
 
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे।
चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे।।
 
तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।
कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।।
 
पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।।
बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।।
 
बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें।
कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावें।।

ALSO READ: पढ़ें संकटहरण भैरव चालीसा, होंगे सभी कष्ट दूर...

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सूर्य का धनु राशि में प्रवेश, जानिए 12 राशियों का राशिफल, क्या होगा भविष्यफल

हर साल होती है नए साल के लिए ये 5 भविष्यवाणियां, लेकिन कभी सच नहीं होतीं?

महाकुंभ में क्या है धर्मध्वजा का महत्व, जानिए किस अखाड़े की कौन सी है पताका

बुध का वृश्चिक राशि में उदय, 3 राशियां रहें संभलकर

हिंदू धर्म का महाकुंभ: प्रयाग कुंभ मेले का इतिहास

सभी देखें

धर्म संसार

17 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन

17 दिसंबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में 16 प्रमुख हिंदू व्रत त्योहारों की सही दिनांक जानिए

Dhanu sankranti : धनु संक्रांति से देश और दुनिया में क्या परिवर्तन होंगे?

Weekly Panchang 2024: 16 से 22 दिसंबर का साप्ताहिक पंचांग, जानें 7 दिन के शुभ मुहूर्त

अगला लेख