Hanuman Sahasranamam Stotram patha: हनुमान जयंती या मंगलवार के दिन हनुमान जी के 1000 नामों का जप करने से जो फल हमें सुंदरकांड पढ़ने से प्राप्त होता है वही फल हनुमानजी के सहस्त्रनाम पाठ करने से मिलता है। इसे श्री हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्रम भी कहते हैं। यह हनुमत्सहस्त्रनाम का वर्णन बृहज्ज्योतिषार्णव में किया गया है। महर्षि वाल्मीकिजी के अनुसार सर्वप्रथम श्री रामचंद्रजी ने हनुमान सहस्त्रनाम से हनुमानजी की स्तुति की थी।
हनुमान सहस्त्रनाम पाठ के 10 लाभ : 1. सभी दु:ख नष्ट हो जाते हैं, 2. सभी सकंट टल जाते है, 3. ऋद्धि-सिद्धि चिरकाल तक स्थिर रहती, 4. बुद्धि और बल प्राप्त होता है, 5. सभी तरह का भय नष्ट हो जाता है, 6. किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता है, 7. कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है, 8. सुख, सम्पत्ति की प्राप्ति होती है, 9. संतान सुख प्राप्त होता है और 10. साथक को स्वर्ग एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्री हनुमान सहस्त्रनाम की विधि: शुभ ब्रह्म मुहुर्त में स्नान कर हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के समक्ष पूर्व दिशा में मुख करके आसन बिछाकर बैठ जाएं। हनुमानजी के सम्मुख तेल की दीपक जलाएं तथा धूप निवेदन करें। तत्पश्चात दाहिने हाथ में जल लेकर विनियोग 'ॐ अस्य श्री हनुमत्सहस्त्रनाम ..' से आरम्भ कर जपे विनियोगो..तक पढ़कर भूमि पर जल छोड़ दें। विनियोग में 'मम सर्वोपद्रव शान्त्यर्थ' की जगह बोलना चाहिए। जैसे पेट की पीड़ाके लिए 'मम उदर पीड़ा शान्त्यर्थ'। इसके बाद न्यास तथा ध्यान कर के पाठ आरम्भ करें।
श्री हनुमान सहस्त्रनाम | Shree Hanuman Sahasranamam