भगवान शिव का प्रिय स्तोत्र प्रदोषस्तोत्राष्टकम्‌...

Webdunia
श्रीस्कन्दपुराण में वर्णित प्रदोषस्तोत्राष्टकम्‌ 
 
सत्यं ब्रवीमि परलोकहितं ब्रव्रीम सारं ब्रवीम्युपनिषद्धृदयं ब्रमीमि।
संसारमुल्बणमसारमवाप्य जन्तोः सारोऽयमीश्वरपदाम्बुरुहस्य सेवा ॥
 
ये नार्चयन्ति गिरिशं समये प्रदोषे, ये नाचितं शिवमपि प्रणमन्ति चान्ये।
एतत्कथां श्रुतिपुटैर्न पिबन्ति मूढास्ते, जन्मजन्मसु भवन्ति नरा दरिद्राः॥
 
ये वै प्रदोषसमये परमेश्वरस्य, कुर्वन्त्यनन्यमनसांऽघ्रिसरोजपूजाम्‌ ।
नित्यं प्रवृद्धधनधान्यकलत्रपुत्र सौभाग्यसम्पदधिकास्त इहैव लोके ॥
 
कैलासशैवभुवने त्रिजगज्जनिनित्रीं गौरीं निवेश्य कनकाचितरत्नपीठे ।
नृत्यं विधातुमभिवांछति शूलपाणौ देवाः प्रदोषसमये नु भजन्ति सर्वे॥
 
वाग्देवी धृतवल्लकी शतमखो वेणुं दधत्पद्मजस्तालोन्निद्रकरो रमा भगवती गेयप्रयोगान्विता ।
विष्णुः सान्द्रमृदंङवादनपयुर्देवाः समन्तात्स्थिताः, सेवन्ते तमनु प्रदोषसमये देवं मृडानीपातम्‌ ॥
 
गन्धर्वयक्षपतगोरग-सिद्ध-साध्व-विद्याधराम रवराप्सरसां गणश्च ।
येऽन्ये त्रिलोकनिकलयाः सहभूतवर्गाः प्राप्ते प्रदोष समये हरपार्श्र्वसंस्थाः ॥
 
अतः प्रदोषे शिव एक एव पूज्योऽथ नान्ये हरिपद्मजाद्याः ।
तस्मिन्महेशे विधिनेज्यमाने सर्वे प्रसीदन्ति सुराधिनाथाः ॥
 
एष ते तनयः पूर्वजन्मनि ब्राह्मणोत्तमः ।
प्रतिग्रहैर्वयो निन्ये न दानाद्यैः सुकर्मभिः ॥
 
अतो दारिद्र्‌यमापन्नः पुत्रस्ते द्विजभामिनि ।
तद्दोषपरिहारार्थं शरणां यातु शंकरम्‌ ॥
 
॥ इति श्रीस्कन्दपुराणान्तर्गत प्रदोषस्तोत्राष्टक संपूर्णम्‌ ॥
 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

कांस में ऐश्वर्या ने मांग में सजाया सिन्दूर, दुनिया को दिया देश की संस्कृति और ताकत का संदेश

नौतपा 2025 : नवतपा के दौरान क्या करें और क्या न करें: जानें काम की बातें

शनिदेव 138 दिनों तक मीन में चलेंगे वक्री चाल, 4 राशियों को होगा बड़ा लाभ

भारत के इन 5 मंदिरों की संपत्ति जानकर चौंक जाएंगे आप, करोड़ों में आता है चढ़ावा

राहु के कुंभ में गोचर से 4 राशियों का 18 माह तक रहेगा गोल्डन टाइम

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: जानिए कैसी होगी 28 मई के दिन आपके सितारों की दशा, पढ़ें आज का राशिफल

28 मई 2025 : आपका जन्मदिन

28 मई 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

बांग्लादेश का भविष्य कैसा रहेगा, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

शनिदेव पर हिन्दी दोहे

अगला लेख