शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम : Shiva Ashtottara Shatanama Stotram

शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम पाठ करने से मिलती है मन में शांति

WD Feature Desk
मंगलवार, 27 फ़रवरी 2024 (16:22 IST)
Shiva ashtottara shatanamavali: श्री शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् और शिव स्त्रोत अष्टोत्तर शतनामावली दोनों अलग- अलग है। महाशिवरात्रि या शिवरात्रि पर शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। ऐसा कहा जाता है कि स्तोत्र का लयबद्ध जाप मन को शांत करता है और ध्यान की स्थिति में प्रवेश करने में मदद करता है।
ALSO READ: श्री शिव स्तोत्र अष्टोत्तर शतनामावली | Shiva Stotra Ashtottara Shatanamavali
 
शिवो महेश्वरः शम्भुः पिनाकी शशिशेखरः ।
वामदेवो विरूपाक्षः कपर्दी नीललोहितः ॥1॥ 
 
शङ्करः शूलपाणिश्च खट्वाङ्गी विष्णुवल्लभः । 
शिपिविष्टोऽम्बिकानाथः श्रीकण्ठो भक्तवत्सलः ॥2॥
भवः शर्वस्त्रिलोकेशः शितिकण्टः शिवाप्रियः । 
उग्रः कपाली कामारिरन्धकासुरसूदनः ॥3॥
 
गङ्गाधरो ललाटाक्षः कालकालः कृपानिधिः । 
भीमः परशुहस्तश्च मृगपाणिर्जटाधरः ॥4॥  
 
कैलासवासी कवची कठोरस्त्रिपुरान्तकः ।
वृषाङ्की वृषभारूढो भस्मोद्धूलितविग्रहः ॥5॥  
 
सामप्रियः स्वरमयस्त्रयीमूर्तिरनीश्वरः ।
सर्वज्ञः परमात्मा च सोमसूर्याग्निलोचनः ॥6॥  
 
हविर्यज्ञमयः सोमः पञ्चवक्त्रः सदाशिवः ।
विश्वेश्वरो वीरभद्रो गणनाथः प्रजापतिः ॥7॥  
 
हिरण्यरेता दुर्धर्षो गिरीशो गिरिशोऽनघः ।
भुजङ्गभूषणो भर्गो गिरिधन्वा गिरिप्रियः ॥8॥ 
 
कृत्तिवासाः पुरारातिर्भगवान् प्रमथाधिपः। 
मृत्युञ्जयः सूक्ष्मतनुर्जगद्व्यापी जगद्गुरुः ॥9॥  
 
व्योमकेशो महासेनजनकश्चारुविक्रमः। 
रुद्रो भूतपतिः स्ताणुरहिर्बुध्न्यो दिगम्बरः ॥10॥  
 
अष्टमूर्तिरनेकात्मा सात्विकः शुद्धविग्रहः।
शाश्वतः खण्डपरशूरजः पाशविमोचनः ॥11॥  
 
मृडः पशुपतिर्देवो महादेवोऽव्ययो हरिः। 
पूषदन्तभिदव्यग्रो दक्षाध्वरहरो हरः ॥12॥
 
भगनेत्रभिदव्यक्तः सहस्राक्षः सहस्रपात्।
अपवर्गप्रदोऽनन्तस्तारकः परमेश्वरः ॥13॥
 
इति श्रीशिवाष्टोत्तरशतनामावळिस्तोत्रं संपूर्णम् ॥
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 2025 में अब कब बन रहे हैं युद्ध के योग?

8 वर्षों तक बृहस्पति करेंगे अतिचारी गोचर, क्या होगा इन आठ वर्षों में?

क्या ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन से हो चुकी है तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, इस तारीख तक मिट जाएगा पाकिस्तान

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

राक्षसों के नाम पर रखे हैं भारत के इन शहरों के नाम, जानिए कौनसे हैं ये शहर

सभी देखें

धर्म संसार

अचला या अपरा एकादशी का व्रत रखने से क्या होता है?

Aaj Ka Rashifal: व्यापार, प्रेम, करियर और नौकरी का विशेष भविष्यफल, जानें 15 मई का दैनिक राशिफल

15 मई 2025 : आपका जन्मदिन

15 मई 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

क्या Nuclear की मौत मरेगा पाकिस्तान, जानिए भविष्यवाणी का सच

अगला लेख