अकबर-बीरबल के रोचक और मजेदार किस्से : मैं आपका नौकर हूं, बैंगन का नहीं

Webdunia
बुधवार, 19 जून 2013 (12:23 IST)
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akbar birbal ki kahaniya hindi

एक दिन बादशाह अकबर और बीरबल महल के बागों में सैर कर रहे थे। फले-फूले बाग को देखकर बादशाह अकबर बहुत खुश थे। वे बीरबल से बोले, 'बीरबल, देखो यह बैंगन, कितनी सुंदर लग रहे हैं!' इनकी सब्जी कितनी स्वादिष्ट लगती है!
बीरबल, मुझे बैंगन बहुत पसंद हैं।

 

बैंगन की त‍ारीफ सुनकर बीरबल ने क्या कहा....

 


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हां! महाराज, आप सत्य कहते हैं। यह बैंगन है ही ऐसी सब्जी, जो ना सिर्फ देखने में ब्लकि खाने में भी इसका कोई मुकाबला नहीं है। और देखिए महाराज भगवान ने भी इसीलिए इसके सिर पर ताज बनाया है। बादशाह अकबर यह सुनकर बहुत खुश हुआ।

कुछ हफ्तों बाद बादशाह अकबर और बीरबल उसी बाग में घूम रहे थे। बादशाह अकबर को कुछ याद आया और मुस्कुराते हुए बोले, 'बीरबल देखो यह बैंगन कितना भद्दा और बदसूरत है और यह खाने में भी बहुत बेस्वाद है।'

बैंगन के बारे में बुराई सुनकर बीरबल ने क्या किया....


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हां हुजूर! आप सही कह रहे हैं बीरबल बोला। इसीलिए इसका नाम बे-गुण है बीरबल ने चतुराई से नाम को बदलते हुए कहा।

यह सुनकर बादशाह अकबर को गुस्सा आ गया। उन्होंने झल्लाते हुए कहा, 'क्या मतलब है बीरबल?'

बीरबल का जवाब सुनकर बादशाह को गुस्सा क्यों आया....


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मैं जो भी बात कहता हूं तुम उसे ही ठीक बताते हो। बैंगन के बारे में तुम्हारी दोनों ही बातें सच कैसे हो सकती हैं, क्या तुम मुझे समझाओगे?

बीरबल ने हाथ जोडते हुए कहा, 'हुजूर, मैं आपका नौकर हूं बैंगन का नहीं।'

बादशाह अकबर यह जवाब सुनकर बहुत खुश हुए और बीरबल की तरफ पीठ करके मुस्कुराने लगे।

( समाप्त)

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