Festival Posters

अकबर-बीरबल के रोचक और मजेदार किस्से : सब लोग एक जैसा सोचते हैं...

Webdunia
बुधवार, 19 जून 2013 (12:26 IST)
FILE
Akbar Birbal Story

दरबार की कार्यवाही चल रही थी। सभी दरबारी एक ऐसे प्रश्न पर विचार कर रहे थे जो राज-काज चलाने की दृष्टि से बेहद अहम न था। सभी एक-एक कर अपनी राय दे रहे थे।
बादशाह दरबार में बैठे यह महसूस कर रहे थे कि सबकी राय अलग है। उन्हें आश्चर्य हुआ कि सभी एक जैसे क्यों नहीं सोचते!

तब बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा, 'क्या तुम बता सकते हो कि लोगों की राय आपस में मिलती क्यों नहीं? सब अलग-अलग क्यों सोचते हैं?’

 

बादशाह के सवाल पर ‍बीरबल ने क्या कहा....

 


FILE


' हमेशा ऐसा नहीं होता, बादशाह सलामत!' बीरबल बोला, 'कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं जिन पर सभी के विचार समान होते हैं।' इसके बाद कुछ और काम निपटा कर दरबार की कार्यवाही समाप्त हो गई। सभी अपने-अपने घरों को लौट चले।

उसी शाम जब बीरबल और बादशाह अकबर बाग में टहल रहे थे, तो बादशाह ने फिर वही राग छेड़ दिया और बीरबल से बहस करने लगे।

बादशाह को समझाने के लिए बीरबल ने क्या किया....


FILE


तब बीरबल बाग के ही एक कोने की ओर उंगली से संकेत करता हुआ बोला, 'वहां उस पेड़ के निकट एक कुंआ है। वहां चलिए, मैं कोशिश करता हूं कि आपको समझा सकूं कि जब कोई समस्या जनता से जुड़ी हो तो सभी एक जैसा ही सोचते हैं।
मेरे कहने का मतलब यह है कि बहुत-सी ऐसी बातें हैं जिनको लेकर लोगों के विचार एक जैसे होते हैं।’

बादशाह अकबर ने कुछ देर कुंए की ओर घूरा, फिर बोले, 'लेकिन मैं कुछ समझा नहीं, तुम्हारे समझाने का ढंग कुछ अजीब-सा है।' बादशाह जबकि जानते थे कि बीरबल अपनी बात सिद्ध करने के लिए ऐसे ही प्रयोग करता रहता है।

' सब समझ जाएंगे हुजूर!'

बीरबल ने क्या फरमान जारी करवाया....


FILE

बीरबल बोला, 'आप शाही फरमान जारी कराएं कि नगर के हर घर से एक लोटा दूध लाकर बाग में स्थित इस कुंए में डाला जाए। दिन पूर्णमासी का होगा। हमारा नगर बहुत बड़ा है, यदि हर घर से एक लोटा दूध इस कुएं में पड़ेगा तो यह दूध से भर जाएगा।’

बीरबल की यह बात सुन बादशाह अकबर ठहाका लगाकर हंस पड़े। फिर भी उन्होंने बीरबल के कहेनुसार फरमान जारी कर दिया।

शहर भर में मुनादी करवा दी गई कि आने वाली पूर्णमासी के दिन हर घर से एक लोटा दूध लाकर शाही बाग के कुंए में डाला जाए। जो ऐसा नहीं करेगा उसे सजा मिलेगी।

बादशाह के फरमान जारी होने पर लोगों ने ‍क्या किया....


FILE


पूर्णमासी के दिन बाग के बाहर लोगों की कतार लग गई। इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा था कि हर घर से कोई न कोई वहां जरूर आए। सभी के हाथों में भरे हुए पात्र (बरतन) दिखाई दे रहे थे।

बादशाह अकबर और बीरबल दूर बैठे यह सब देख रहे थे और एक-दूसरे को देख मुस्करा रहे थे। सांझ ढलने से पहले कुंए में दूध डालने का काम पूरा हो गया। हर घर से दूध लाकर कुंए में डाला गया था।

बीरबल और बादशाह ने कुंए में झांका तो क्या देखा....


FILE


जब सभी वहां से चले गए तो बादशाह अकबर व बीरबल ने कुंए के निकट जाकर अंदर झांका। कुंआ मुंडेर तक भरा हुआ था। लेकिन यह देख बादशाह अकबर को बेहद हैरानी हुई कि कुंए में दूध नहीं पानी भरा हुआ था। दूध का तो कहीं नामोनिशान तक न था।

हैरानी भरी निगाहों से बादशाह अकबर ने बीरबल की ओर देखते हुए पूछा, 'ऐसा क्यों हुआ? शाही फरमान तो कुंए में दूध डालने का जारी हुआ था, यह पानी कहां से आया? लोगों ने दूध क्यों नहीं डाला?’

बीरबल ने क्या जवाब दिया....


FILE

बीरबल एक जोरदार ठहाका लगाता हुआ बोला, 'यही तो मैं सिद्ध करना चाहता था हुजूर! मैंने कहा था आपसे कि बहुत-सी ऐसी बातें होती हैं जिस पर लोग एक जैसा सोचते हैं, और यह भी एक ऐसा ही मौका था। लोग कीमती दूध बरबाद करने को तैयार न थे। वे जानते थे कि कुंए में दूध डालना व्यर्थ है। इससे उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं था।

इसलिए यह सोचकर कि किसी को क्या पता चलेगा, सभी पानी से भरे बरतन ले आए और कुंए में उड़ेल दिए। नतीजा…दूध के बजाय पानी से भर गया कुंआ।’

बीरबल की यह चतुराई देख बादशाह अकबर ने उसकी पीठ थपथपाई।

बीरबल ने सिद्ध कर दिखाया था कि कभी-कभी लोग एक जैसा भी सोचते हैं।

( समाप्त)





वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Remedies for good sleep: क्या आप भी रातों को बदलते रहते हैं करवटें, जानिए अच्छी और गहरी नींद के उपाय

Vastu tips: घर की इस दिशा में ये 4 चीजें रखने से कुछ ही दिनों में चमकेगी किस्मत

किचन में भूलकर भी ना रखें ये 5 चीजें, बढ़ सकती है नेगेटिविटी

Chest lungs infection: फेफड़ों के संक्रमण से बचने के घरेलू उपाय

Fat loss: शरीर से एक्स्ट्रा फैट बर्न करने के लिए अपनाएं ये देसी ड्रिंक्स, कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा असर

सभी देखें

नवीनतम

ठंड में रोज यदि 10 बादाम खाएं तो क्या होता है?

Essay on Nanak Dev: सिख धमे के संस्थापक गुरु नानक देव पर रोचक निबंध हिन्दी में

एक दिन में कितने बादाम खाना चाहिए?

मध्यप्रदेश में निवेश, नवाचार और रोज़गार के संकल्प का अभ्युदय

Dev Uthani Ekadashi Bhog: देव उठनी एकादशी और तुलसी विवाह पर चढ़ाएं ये खास भोग, मिलेगा भगवान शालीग्राम का आशीर्वाद