ओबामा में हिन्दू, मुस्लिम और ईसाई का अक्स

Webdunia
रविवार, 9 नवंबर 2008 (11:56 IST)
अमेरिका का पहला अश्वेत राष्ट्रपति बनकर बराक ओबामा ने इतिहास तो रचा ही है साथ में वे एक ऐसी शख्सियत भी बनकर उभरे हैं, जिसके बारे में दुनियाभर के लोग अपने-अपने मन को भाने वाली व्याख्याएँ करने में लगे हैं। इस दौड़ में इंटरनेट और अखबार भी पीछे नहीं हैं।

ओबामा अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान एक छोटी सी प्रतिमा लेकर चलते थे, जिसे भारत में कई लोगों ने हनुमान की प्रतिमा बताया और उन्हें हनुमान भक्त मानकर उनकी जीत के लिए हवन यज्ञ तक किए।

ओबामा के जीत जाने के बाद कुछ लोग यह कहने में लगे हैं कि उन्हें हनुमान की कृपा से ही अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनावों में रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉन मैक्केन के ऊपर शानदार विजय मिली है।

दूसरी ओर पाकिस्तान के बहुत से लोग ओबामा को मुसलमान मानकर खुश हैं, क्योंकि उनका पूरा नाम बराक हुसैन ओबामा है।

पेशावर से प्रकाशित एक छोटे से अखबार इस वक्त ने ओबामा को अमेरिका के पहले मुसलमान राष्ट्रपति के रूप में पेश किया है, वहीं पाकिस्तान के प्रभावशाली अखबार द न्यूज ने अपने संपादकीय में लिखा है कि पाकिस्तानी यह न सोचें कि ओबामा मुसलमान हैं।

अखबार ने लिखा है कि ओबामा को मुसलमान मानना बेकार है, क्योंकि वे अपने नाम के साथ हुसैन शब्द नहीं लगाते हैं और अपना नाम बराक हुसैन ओबामा की बजाय सिर्फ बराक ओबामा लिखते हैं।

इंटरनेट साइट फेस बुक पर बहुत से लोग जहाँ ओबामा के विरोधी नजर आते हैं, वहीं बुहत से लोग उन्हें सर्वधर्म समभाव का मिश्रण बताते हैं।

इंटरनेट साइटों पर कई लोग ओबामा की आलोचना करने में लगे हैं तो बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो उन्हें हिन्दू, मुस्लिम और ईसाई धर्म के मिश्रण वाला व्यक्ति मानकर सर्वधर्म सम्भाव से जुड़ा नया अमेरिकी राष्ट्रपति बता रहे हैं।

जॉनसन पॉल नाम के एक व्यक्ति ने लिखा है कि दुनियाभर के नेताओं को ओबामा जैसा ही होना चाहिए जो सभी धर्मों से जुड़ा हो।

उल्लेखनीय है कि ओबामा वैसे तो ईसाई हैं, लेकिन उनके दूसरे पिता इंडोनेशियाई मुसलमान थे। वे इस्लामी परिवार में पले बढ़े और वहीं से उनके नाम के साथ हुसैन शब्द जुड़ गया।

मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में हिन्दू धर्म एवं संस्कृति का भी गहरा प्रभाव है और वहाँ के मुसलमान भी रामायण के राम तथा हनुमान जैसे पात्रों का सम्मान करते हैं। वहाँ की करंसी पर गणेश का चित्र छपा है तथा वहाँ के मुख्य पुलों पर हनुमान की प्रतिमाएँ देखने को मिल सकती हैं। संभवत: इसी कारण ओबामा अपने साथ हनुमान की छोटी सी मूर्ति रखते हैं।

मॉरीशस के अखबार न्यूज अपडेट ने ओबामा को हिन्दू और मुस्लिम संस्कृति से जुड़ा ईसाई करार दिया है, जिसने व्हाइट हाउस में एक नया अध्याय लिखा है।

अमेरिका में भारत के मशहूर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रामनिवास ने अपने नोट में लिखा है कि जब से अखबारों में ओबामा को हनुमान भक्त बताया गया है, तब से अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय में उनके प्रति एक विशेष लगाव सा हो गया है।

फेस बुक पर अमेरिका के कई लोगों ने ओबामा को वामपंथी भी बताया है और साथ में उन पर यह कहकर महाभियोग तक चलाने की माँग की है कि वे अपनी नीतियों से अमेरिका को बर्बाद कर देंगे।

इंटरनेट की दुनिया के विजिटर्स वर्ल्ड में कई लोगों ने यह भी लिखा है कि भारत और पाकिस्तान के लोग ओबामा के बारे में अपने-अपने तरीके से व्याख्या कर खुश हो रहे हैं, लेकिन वे ओबामा के कश्मीर में हस्तक्षेप और पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में सीधे हमले करने संबंधी बयानों पर भी जरा गौर फरमा लें।

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