क्या करेगा बारहवीं पास रेल मंत्री

Webdunia
ND
दिनेश त्रिवेदी को इस्तीफे के लिए मजबूर करना और एक बारहवीं पास नेता को रेल मंत्री बनाना यह साबित करता है कि अब कांग्रेस की सरकार को देश चलाने की नहीं, बल्कि अपनी सरकार बचाने की चिंता है। महँगाई बढ़े, उससे उन्हें कोई सरोकार नहीं, लेकिन अपने सहयोगी दल को खुश रखना जरूरी है।

रेल बजट पेश होने के बाद सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस की जिद के बाद केंद्र सरकार को अपने मंत्री दिनेश त्रिवेदी को पद से हटाना पड़ा। खास बात यह है कि उच्च शिक्षित त्रिवेदी के मुकाबले बारहवीं पास मुकुल राय को नया रेल मंत्री बनाया गया है। पहले ही कई मोर्चों पर मात खा चुकी सरकार अब अपने सहयोगी दलों की माँगों के सामने झुकने पर मजबूर है। इस बार की बहस में जानिए शहर के युवा इस मामले में अपनी क्या राय रखते हैं।

एमबीए पास दिनेश त्रिवेदी की जगह पर ग्रेजुएट भी नहीं हो पाए मुकुल राय को रेल मंत्री बनाया जाना अधिकांश युवाओं को सही नहीं लगता। उनका कहना है कि इस तरह चलता रहा तो देशहित में कोई अच्छा काम हो ही नहीं पाएगा।

सरकार देश के लिए काम कर रही है या अपने सहयोगी दलों के लिए। जिस तरह सहयोगी दल केंद्र सरकार पर हावी होकर अपनी माँगें मनवा रहे हैं, उसके बाद मतदाता ये सोचने पर मजबूर हो गया है कि वो क्यों न एक ही पार्टी को बहुमत देकर केंद्र में लाए। युवा बैंक अधिकारी गौरव सिन्हा ने कहा कि दिनेश त्रिवेदी ने रेल मंत्रालय को मजबूती देने के लिए कुछ कड़े कदम उठाए थे, लेकिन ममता बनर्जी को यह रास नहीं आया।

एक नेता की जिद का नतीजा रेल मंत्रालय और जनता क्यों भुगतेगी। एमबीए स्टूडेंट अनिकेत कुमार ने कहा कि इस घटना से मालूम होता है कि हमारे प्रधानमंत्री कितने कमजोर हैं। यदि वे ऐसे ही अपने सहयोगियों की बात मानते रहे तो देश के हित में अहम फैसले लिए ही नहीं जा सकेंगे। मनमोहन सिंह को इस तरह ममता बनर्जी के सामने झुकना नहीं चाहिए था। इससे देश के लोगों में एक गलत संदेश गया है।

साइंस स्टूडेंट कविता मालपानी ने बताया कि एक शिक्षित मंत्री को हटाकर एक बारहवीं पास नेता को रेल मंत्री बनाया गया है। इस फैसले से ही पता चल रहा है कि अब रेल मंत्रालय का क्या होगा। मेरे ख्याल में देश की जनता को भी रेल मंत्री बदलने का फैसला पसंद नहीं आया होगा। निजी कंपनी में कार्यरत अमोल सक्सेना ने बताया कि अगर रेल का किराया नहीं बढ़ाया जाएगा तो रेल मंत्रालय के भारी-भरकम खर्चे कैसे पूरे होंगे और कैसे नई ट्रेनें चला पाएँगे।

दिनेश त्रिवेदी ने खुद कहा था कि रेल की हालत सुधारना होगी तो ऐसे फैसले लेने ही होंगे। ममता बनर्जी ने क्यों दिनेश त्रिवेदी को हटाने की जिद की, मेरी समझ से परे है। एमबीए स्टूडेंट गजेंद्र विनायक ने बताया कि मुकुल राय पहले भी अपनी मक्कारी के कारण मंत्री पद खो चुके हैं और प्रधानमंत्री भी उन्हें कुछ खास पसंद नहीं करते। हो सकता है रेल की हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो जाए।

निजी कंपनी के कर्मचारी सुरेंद्र मेहता का कहना था कि इस तरह के फैसलों से जनता में संदेश जा रहा है कि सरकार एकजुट नहीं है और सहयोगी दल अच्छे फैसले लेने ही नहीं दे रहे हैं। अब तो सरकार बस खुद को बचाने के प्रयास में लगी हुई है। इस देश का दुर्भाग्य है कि प्रगति की राह में अपने ही नेता ब्रेक लगा रहे हैं।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Diet Tip : कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए इन 5 तरीकों से खाएं अदरक, दिल की सेहत के लिए है गुणकारी

गर्भावस्था में क्यों बनी रहती है पैरों में सूजन, जानिए कारण और उपचार

नहाने के पानी में मिला लें ये सफेद चीज, खिल उठेगी स्किन और भी हैं कई फायदे

रोज की बाल झड़ने की समस्या से हैं परेशान? हफ्ते में सिर्फ 1 बार लगाएं ये आयुर्वेदिक हेयर मास्क और पाएं राहत

Sleeping Tips : सोने से पहले इन तरीकों से करें मेडिटेशन, मिनटों में दूर होगी नींद न आने की समस्या

सभी देखें

नवीनतम

बसन्त पंचमी पर बेटी का हुआ है जन्म तो दीजिए उसे मां सरस्वती के नामों से प्रेरित ये सुंदर नाम

बजट 2025 में हुआ मखाने जिक्र, जानिए क्यों कहलाता है सुपर food

कभी घरों में बर्तन मांजती थीं दुलारी देवी जिनकी बनाई साड़ी पहनकर निर्मला सीतारमण ने पेश किया बजट, जानिए उनकी प्रेरक कहानी

बजट में बिहार में मखाना बोर्ड गठन का जिक्र, जानिए कैसे होता है मखाना उत्पादन और सेहत के लिए मखाने के फायदे

Harmful Effects Of Milk : दूध के साथ ये 5 Foods खाना आपकी सेहत पर डाल सकता है उलटा असर, जानें क्यों है ये गलत कॉम्बिनेशन