घर के प्रवेश द्वार का वास्तु

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आपके घर के इंटीरियर से आपके व्यक्तित्व और आपकी पसंद-नापसंद का पता चलता है। मीठी भावनाओं के रंगों में रंगने व पसंदीदा चीजों से सजने के कारण घर का हर कोना, जिसे आपने बड़े ही करीने से सजाया है, वह बेजान होते हुए भी जीवंत हो उठता है।

घर की खूबसूरती में उसके मुख्य प्रवेश द्वार का महत्वपूर्ण स्थान होता है, जिसका वास्तु के अनुरूप होना घर में खुशियों के प्रवेश का शुभ संकेत माना जाता है।

जिस तरह किसी भी व्यक्ति का खूबसूरत चेहरा आपके मन में उस व्यक्ति के बारे में जानने की उत्सुकता पैदा करता है। ठीक उसी तरह घर का खूबसूरत प्रवेश द्वार आपको घर के भीतर झाँकने का प्रथम निमंत्रण देता है। आगंतुकों को घर में प्रवेश हेतु आकर्षित करने वाले घर के मुख्य प्रवेश द्वार का वास्तुसम्मत होना आपके घर में खुशियों व सकारात्मक ऊर्जा के आगमन का संकेत है।

वास्तुदोष को दूर करने के लिए कई बार हम कमरों के इंटीरियर में फेरबदलकर तरह-तरह के उपाय करते हैं, लेकिन ऐसा करते समय हम घर के सबसे अहम भाग यानी कि घर के मुख्य प्रवेश द्वार के वास्तु पर ध्यान देना भूल जाते हैं, जो कि घर में सकारात्मक व नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश का मुख्य स्रोत होता है। वास्तु ने हमें कई ऐसे विकल्प दिए हैं, जिन पर अमल कर हम बगैर तोड़फोड़ व नवीन निर्माण के अपने घर के वास्तुदोष को दूर कर सकते हैं। यहाँ हम आपको जानकारी दे रहे हैं, घर के प्रवेश द्वार के वास्तुदोष के निवारण के कुछ आसान उपायों की।

* घर के मुख्य द्वार पर अपनी धार्मिक मान्यतानुसार कोई भी माँगलिक चिन्ह (स्वस्तिक, ॐ, कलश, क्रॉस आदि) लगाएँ।

* घर के मुख्य प्रवेश द्वार का दरवाजा घर के अन्य दरवाजों की अपेक्षा आकार में बड़ा होना चाहिए। इससे घर में भरपूर मात्रा में रोशनी का प्रवेश हो सके।

* घर का मुख्य दरवाजा दो फाटक वाला तथा भीतर की ओर खुलने वाला होना चाहिए।

* घर का मुख्य दरवाजा खोलने पर उसके पुर्जों में जंग या किसी अन्य वजह से चरमराहट जैसी कोई आवाज नहीं होना चाहिए।

* घर के प्रवेश द्वार पर देहरी होना चाहिए।

* आपके घर का मुख्य प्रवेश द्वार ऐसा होना चाहिए कि उसके ठीक सामने किसी अन्य घर का प्रवेश द्वार न हो।

* घर के मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक पास अंडरग्राउंड टैंक नहीं होना चाहिए।

लॉजिक
वास्तु के अनुसार घर के भीतर व बाहर गंदगी या कूड़ा-कर्कट नहीं होना चाहिए। इससे भवन में नकारात्मक ऊर्जा के रूप में बीमारियों का वास होता है। इसी के साथ ही घर के सामने किसी ओर के घर का मुख्य दरवाजा होना, घर का मुख्य दरवाजा खोलने पर उसका आवाज करना, दरवाजे के ठीक पास अंडरग्राउंड ट्रैंक का होना आदि वास्तु की दृष्टि में शुभ नहीं माना गया है।

इन सभी वास्तुदोषों के निवारण के लिए आप घर के दरवाजों की मरम्मत करवाकर तथा मुख्य द्वार के ऊपर कोई भी माँगलिक धार्मिक चिन्ह लगाकर घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रतिशत को बढ़ा सकते हैं। यदि हम घर के मुख्य दरवाजे के अन्य दरवाजों से आकार में बड़ा होने के पीछे लॉजिक की बात करें तो इसका लॉजिक घर में अधिक से अधिक रोशनी का प्रवेश होना है, जिसे घर में अंधेरेपन को दूर करने व स्वास्थ्य के लिहाज दोनों ही दृष्टि से बेहतर माना जाता है।

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