इलाहाबाद कुंभ, चतुर्थ नायक: भरद्वाज ऋषि आश्रम

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भारद्वाज आश्रम प्रयाग का महत्वपूर्ण मंदिर है। महर्षि भारद्वाज ज्ञान-विज्ञान, वेद पुराण, आयुर्वेद, धनुर्वेद और विमान शास्त्र के जानकार आचार्य थे। उनका गुरुकुल विद्या और शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र था। वाल्मीकि रामायण में भारद्वाज को इस गुरुकुल का कुलपति कहा गया है।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम वन जाते हुए भारद्वाज आश्रम में आए थे। भारद्वाज मुनि ने राम का बड़े प्रेम से स्वागत किया था और उन्हें चित्रकूट जाने का मार्ग बताया था। राम को चित्रकूट से वापस बुलाने के लिए भरत प्रयाग आए, तो उन्होंने ऋषि भारद्वाज के दर्शन किए।

ऋषि ने अपने आश्रम के शांत वातावरण में भरत और उनके आए अतिथियों का स्वागत किया था। लंका विजय करके अयोध्या वापस लौटते समय राम ने भारद्वाज ऋषि के दर्शन किए।

इस आश्रम में भारद्वाज ऋषि ने एक शिवलिंग को स्थापित किया था। यह शिव विग्रह आज भी पूजा जाता है। इन्हें भारद्वाजेश्वर शिव कहा जाता है।
- वेबदुनिया संदर्भ
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