ऐसे करें सूखे से फसलों का बचाव

Webdunia
- मणिशंकर उपाध्याय

इस साल मानसून के मनमौजीपन ने फिर से किसानों के सामने विकट स्थिति उत्पन्न कर दी है अभी तक सामान्य से आधी से एक तिहाई बारिश ही दर्ज हो पाई है। खेतों में बोई गई सोयाबीन एवं अन्य खरीफ फसलों की पत्तियाँ शाम होने तक मुर्झाने लग जाती हैं। अब से 19-20 वर्ष पहले भी लगभग ऐसी ही स्थितियाँ उत्पन्न हुई थीं।

उस समय मौसम विज्ञानी, मौसम की भविष्यवाणीकर्ता, कृषि वैज्ञानिक , अनुभवी कृषकों आदि की सम्मिलित चर्चा एवं गोष्ठी का आयोजन कर सूखे, असामान्य वर्षा की स्थिति से निबटने के लिए एक रणनीति तैयार की गई थी, जो आज भी प्रासंगिक है। इसके अंतर्गत अल्पकालीन और दीर्घकालीन उपाय सुझाए गए थे। इन उपायों के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:-

निमाड़ क्षेत्र में कपास की दीर्घकालीन उन्नत व संकर किस्में, अरहर की लंबी अवधि वाली जातियाँ जुवार व मक्का की जल्दी पककर तैयार होने वाली स्थानीय व संकर किस्में लगाई जानी चाहिए।

जहाँ बोवनी के बाद फसलों का अंकुरण होकर पौधों में 4 से 10 पत्तियाँ तक आ गई हैं, वहाँ डोरा या कोलपा चलाकर अवरोध परत तैयार कर लें। इससे जमीन के निचले स्तर से नमी को ऊपरी सतह तक लाने वाली बारीक नालियाँ (केपेलरी ट्यूब्स) टूट जाती हैं और निचले स्तर की नमी सुरक्षित रहकर पौधों की जड़ों के उपयोग में आती है।

ये डोरे छोटे पांस वाले बखर (ब्लेड हेरो) के आकार के होना चाहिए। इस तरह के बखर से जमीन की सतह कटने के साथ ही सतह के नींदा आदि भी कटकर वहीं गिरते जाते हैं। ये भी एक तरह की जीवांश की परत का निर्माण कर फसल की दो कतारों के बीच की जगह पर एक रुकावटी जीवांश परत बनाकर नमी की हानि को रोकते हैं।

कपास की उन्नत किस्मों एवं संकर किस्मों के कुछ पत्तों को तोड़कर कम करके भी पौधे से उड़ने वाली नमी को कुछ सीमा तक कम किया जा सकता है। उर्वरकों की पूरी मात्रा एक साथ न देते हुए, एक चौथाई से एक तिहाई मात्रा अलग अलग किस्तों में दी जाती है। इससे यदि फसल में कोई नुकसान भी होता है, तो उर्वरकों पर होने वाले खर्च की कुछ बचत की जा सकती है।

सायकोसिल का छिड़काव करें : यदि खेत के आसपास आइपोमिया, करंज, रतनजोत आदि के पौधे हों तो उनकी पत्तियों को तोड़कर फसलों की दो कतारों के बीच उन्हें बिछाकर एक अवरोध परत तैयार की जा सकती है। कपास के बड़े खेतों में जहाँ पत्तों को हाथ से तोड़ना संभव न हो 'सायकोसिल' नामक पदार्थ 25 मिली प्रति एक लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़कें। इससे पौधों की बढ़वार सीमित हो जाती है। कपास के छोटे खेतों में कपास के पौधों को जिंदा बनाए रखने के लिए एक-एक लोटा पानी दिया जा सकता है।

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

2047 तक हर जगह हो भाजपा का शासन, संविधान दिवस पर बोले भाजपा नेता अजय जामवाल

छत्तीसगढ़ में कोयले से लदी मालगाड़ी पटरी से उतरी, यातायात हुआ बाधित

IAS अफसर नियाज खान ने की PM मोदी की तारीफ, कहा मुस्लिम महिलाओं को नहीं भूलना चाहिए पीएम मोदी का उपकार

दो दिन की तेजी के बाद शेयर बाजार में फिर आई गिरावट, Sensex 106 और Nifty 27 अंक टूटा

सिद्धू की पत्नी के कैंसर के देसी इलाज के दावे को लेकर टाटा मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टरों ने लोगों से की अपील