2 मूलांक वाले व्यक्ति प्रत्येक परिस्थिति को सहज रूप में लेते हैं। ऐसे व्यक्ति अस्थिर विचारों के होने की वजह से निर्णयात्मक स्थिति में पहुंच पाने में असमर्थ रहते हैं।
ऐसे व्यक्ति कभी शांत चित्त नहीं हो पाते। ऐसे व्यक्ति स्वयं को आगे लाने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर बातें बनाते हैं। यदि इनका सहयोगी 1 मूलांक का हो तो उसके लिए ये अद्भुत सलाहकार सिद्ध होते हैं। मूलांक 1 और 2 के व्यक्ति ठीक सूर्य और चन्द्रमा की तरह हैं। एक अंधेरे को दूर करता है, तो दूसरा अंधेरे में भी चमकता है।
दो अंक के व्यक्तियों को वस्तुओं और स्थानों के अनुकूल स्वयं को ढालने का प्रयास करना चाहिए। उन्हें अपने-आपको परिस्थिति के अनुकूल बनाना चाहिए न कि परिस्थिति को स्वयं के अनुकूल ढालने की कोशिश करनी चाहिए।
ऐसे व्यक्ति अनावश्यक रूप से दयालु होते हैं।
चूंकि आप स्वयं अपनी योजनाओं पर कार्य नहीं कर पाते हैं, अत: आपको ऐसे व्यक्तियों के साथ मिलकर काम करना चाहिए, जो आपकी योजनाओं को मूर्त रूप दे सकें।
2 अंक वाले व्यक्तियों को भावुकता और संवेदनशीलता से बचना चाहिए। ऐसे व्यक्तियों को दूसरों का अनुसरण करते हुए भी सही और व्यावहारिक मार्ग अपनाना चाहिए।
इन व्यक्तियों को छोटी-छोटी बातों की चिंता करने की अपेक्षा मुख्य बातों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। व्यर्थ के तर्कों से बचकर अपने कार्य को शांतिपूर्वक संपन्न करना चाहिए। लापरवाही इनके लिए नुकसानप्रद है ।