शिवनाम की अनुपम है महिमा

सावन में शिव नाम का नियमित जप करें

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भगवान भोलेशंकर के 161 नाम
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' शिव' यह नाम पापनाशक है। पाप के महापर्वतों को जलाने के लिए दावाग्नि है। जो शिव नाम का जप करते हैं वे ही वैदिक पंडित एवं पुण्यात्मा हैं, धर्मात्मा हैं, पवित्र हैं। पृथ्वी पर सब पाप शिव नाम से नष्ट होते हैं। ब्रह्महत्या आदि पाप भी शिव नाम लेते ही नष्ट हो जाते हैं, संसार सागर से तरने के लिए शिव नाम नाव है। शिवनामामृत का पान करने वाला अमर हो जाता है, मुक्त हो जाता है। अतः नित्य नियम से शिवनाम का जप करना चाहिए।

वेदों, पुराणों और उपनिषदों में अनेक नामों से शिव की महिमा गाई गई है। उनमें से कुछ नाम यहां प्रस्तुत किए जा रहे हैं :

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1 हर-हर महादे व, 2 रुद् र, 3 शि व, 4 अंगीरागुर ु, 5 अंत क, 6 अंडध र, 7 अंबरी श, 8 अकं प,
9 अक्षतवीर् य, 10 अक्षमाल ी, 11 अघो र, 1 2 अचलेश्व र, 13 अजातार ि, 14 अज्ञे य, 15 अतीन्द्रि य, 16 अत्र ि, 17 अन घ, 18 अनिरुद् ध,

19 अनेकलोच न, 20 अपानिध ि, 21 अभिरा म, 22 अभीर ु, 23 अभद न, 24 अमृतेश्व र, 25 अमो घ, 26 अरिद म, 27 अरिष्टनेम ि, 28 अर्धेश्व र, 29 अर्धनारीश्व र, 30 अर्ह त, 31 अष्टमूर्त ि, 32 अस्थिमाल ी, 33 आत्रे य, 34 आशुतो ष, 35 इंदुभूष ण, 36 इंदुशेख र, 37 इकं ग, 38 ईशा न, 39 ईश्व र, 40 उन्मत्तवे ष, 41 उमाकां त, 42 उमाना थ, 43 उमे श,

44 उमापत ि, 45 उरगभूष ण, 46 ऊर्ध्वरेत ा, 47 ऋतुध्व ज, 48 एकनय न, 49 एकपा द, 50 एकलिं ग, 51 एकाक् ष, 52 कपालपाण ि, 53 कमंडलुध र, 54 कलाध र, 55 कल्पवृक् ष, 56 कामरिप ु, 57 कामार ि, 58 कामेश्व र, 59 कालकं ठ, 60 कालभैर व, 61 काशीना थ, 62 कृत्तिवास ा, 63 केदारना थ, 64 कैलाशना थ, 65 क्रतुध्वस ी, 66 क्षमाचा र, 67 गंगाध र, 68 गणना थ, 69 गणेश्व र, 70 गरलध र, 71 गिरिजापत ि, 72 गिरी श, 73 गोनर् द, 74 चंद्रेश्व र, 75 चंद्रमौल ि, 76 चीरवास ा,

77 जगदी श, 78 जटाध र, 79 जटाशंक र, 80 जमदग्न ि, 81 ज्योतिर्म य, 82 तरस्व ी, 83 तारकेश्व र, 84 तीव्रानं द, 85 त्रिचक्ष ु, 86 त्रिधाम ा, 87 त्रिपुरार ि, 88 त्रियंब क, 89 त्रिलोके श, 90 त्र्यंब क, 91 दक्षार ि, 92 नंदिकेश्व र, 93 नंदीश्व र, 94 नटरा ज, 95 नटेश्व र, 96 नागभूष ण, 97 निरंज न, 98 नीलकं ठ, 99 नीर ज, 100 परमेश्व र,

101 पूर्णेश्व र, 102 पिनाकपाण ि, 103 पिंगलाक् ष, 104 पुरंद र, 105 पशुपतिना थ, 106 प्रथमेश्व र, 107 प्रभाक र, 108 प्रलयंक र, 109 भोलेना थ, 110 बैजना थ, 111 भगाल ी, 112 भद् र, 113 भस्मशाय ी, 114 भालचंद् र, 115 भुवने श, 116 भूतना थ, 117 भूतमहेश्व र, 118 भोलाना थ, 119 मंगले श, 120 महाकां त, 121 महाका ल, 122 महादे व, 123 महारुद् र, 124 महार्ण व, 125 महालिं ग,

126 महे श, 127 महेश्व र, 128 मृत्युंज य, 129 यजं त, 130 योगेश्व र, 131 लोहिताश् व, 132 विधे श, 133 विश्वना थ, 134 विश्वेश्व र, 135 विषकं ठ, 136 विषपाय ी, 137 वृषकेत ु, 138 वैद्यना थ, 139 शशां क, 141 शेख र, 142 शशिध र, 143 शारंगपाण ि, 144 शिवशंभ ु, 145 सती श, 146 सर्वलोकेश्व र, 147 सर्वेश्व र, 148 सहस्रभु ज, 149 साँ ब, 150 सारं ग, 151 सिद्धना थ, 152 सिद्धीश्व र, 153 सुदर्श न, 154 सुरर्ष भ, 155 सुरे श, 156 हरिश र,157 हिरण् य, 158 हु त, 159 सो म, 160 सृत्व ा, 161 शंकर आदि।

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