कैसे दें सूर्य को अर्घ्य, क्या मिलता है फल

Webdunia
भगवान सूर्य के अर्घ्यदान की विशेष महत्ता है। प्रतिदिन प्रात:काल रक्त चंदनादि से युक्त लाल पुष्प, चावल आदि ताम्रमय पात्र (तांबे के पात्र में) जल भरकर प्रसन्न मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पुष्पांजलि देनी चाहिए।

इस अर्घ्यदान से भगवान ‍सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, कलत्र, तेज, वीर्य, यश, कान्ति, विद्या, वैभव और सौभाग्य को प्रदान करते हैं तथा सूर्य लोक की प्राप्ति होती है।

सूर्य उपासकों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए-

FILE


1. प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व ही शैया त्याग कर शुद्ध, पवित्र स्नान से निवृत्त हों।

FILE


2. स्नानोपरांत श्री सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें।


FILE


3. ‍ नित्य संध्या के समय पर अर्घ्य देकर प्रणाम करें।

FILE


4. सूर्य के मंत्रों का जाप श्रद्धापूर्वक करें।

FILE


5. आदित्य हृदय का नियमित पाठ करें।

FILE


6. रविवार को तेल, नमक नहीं खाना चाहिए तथा एक समय ही भोजन करें।

FILE


7. स्वास्थ्य लाभ की कामना, नेत्र रोग से बचने एवं अंधेपन से रक्षा के लिए 'नेत्रोपनिषद्' का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए ।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments

ज़रूर पढ़ें

पुरी में क्यों होती है भगवान जगन्नाथ की अधूरी मूर्ति की पूजा, जानिए ये गूढ़ रहस्य

संत अच्युतानंद दास की भविष्य मालिका की 25 भविष्यवाणियां

मंगल केतु की युति से होता है भयानक हादसों का सृजन, इसलिए 28 जुलाई तक ऐसी जगहों से बचकर रहें

क्यों खतरनाक बना 2025, 6 महीने में 6 हादसों का ज्योतिष विश्लेषण

कब से शुरू होगी आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि, क्या है इसकी पूजा का मुहूर्त

सभी देखें

नवीनतम

21 जून को रात सबसे छोटी क्यों होती है? जानें कारण और रोचक जानकारी

साल 2025 के पहले सूर्य ग्रहण से मची तबाही और अब लगने वाला है दूसरा सूर्य ग्रहण

138 दिन तक शनि की उल्टी चाल, युद्ध से होगा दुनिया का बुरा हाल, बचकर रहे 5 राशियां

बुध का कर्क राशि में गोचर, 3 राशियों के लिए शुभ और 3 के लिए अशुभ

बाबा वेंगा ने क्यों की थी भारत पर टिड्डियों के हमले की भविष्यवाणी?