आज जिनका जन्मदिन है (17.4.2009)

Webdunia
जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है वेबदुनिया की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 17 अप्रैल को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी :

दिनांक 17 अप्रैल को जन्में व्यक्ति का मूलांक 8 होगा। यह ग्रह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है। इस दिन जन्मे व्यक्ति धीर गंभीर, परोपकारी, कर्मठ होते हैं। आपकी वाणी कठोर तथा स्वर उग्र है। आप भौतिकतावादी है। आप अदभुत शक्तियों के मालिक हैं। आप अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसका एक मतलब होता है। आपके मन की थाह पाना मुश्किल है। आपको सफलता अत्यंत संघर्ष के बाद हासिल होती है। कई बार आपके कार्यों का श्रेय दूसरे ले जाते हैं।

शुभ दिनांक : 8, 17, 26

शुभ अंक : 8, 17, 26, 35, 44

शुभ वर्ष :1971, 1980, 2006, 2008, 2015, 2024, 2042

ईष्टदेव : हनुमानजी, शनि देवत ा

शुभ रंग : काला, गहरा नीला, जामुन ी

कैसा रहेगा वर्ष 2009
वर्तमान वर्ष मूलांक 8 वालों के लिए मिलाजुला रहेगा। इस वर्ष आपको कुछ ऐसी अनअपेक्षित घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी। लेकिन घबराए नहीं आप अपने मजबूत इरादों से कामयाबी हासिल करेंगे। अगर आप अपने आपको भटकने से बचा सके तो यह साल भी आपको कुछ यादगार सौगातें दे सकता है। ग्रहों की अनुकूलता के लिए हनुमान चालीसा का पाठ लाभ देगा।

मूलांक 8 के प्रभाव वाले विशेष व्यक्ति
1. गुरु नानक
2. जार्ज बर्नार्ड शॉ
3. राकेश बेदी
4. डिम्पल कपाडि़या
5. जावेद अख्तर
6. शबाना आजमी
7. रवीना टंडन
8. सुभाष घई

Show comments

ज़रूर पढ़ें

महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि

ब्रज की होली के 5 सबसे लोकप्रिय गीत

कौन है देश का सबसे अमीर अखाड़ा, जानिए कहां से आती है अखाड़ों के पास अकूत संपत्ति

विजया एकादशी कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत का फल

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि विशेष आरती, चालीसा, स्तुति, स्तोत्र, रुद्राष्टक यहां पढ़ें...

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: इन 4 राशियों के लिए खास रहेगा आज का दिन, पढ़ें 20 फरवरी का दैनिक राशिफल

20 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

वर्ष 2025 के मध्य में क्या सचमुच देश और दुनिया में होने वाला है कुछ बड़ा?

20 फरवरी 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

कृष्ण पक्ष की अष्टमी को क्यों कहते हैं कालाष्टमी?