अमरीश पुरी : नकारात्मक भूमिकाओं के शहंशाह

अमरीश पुरी के जन्मदिवस 22 जून पर विशेष

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थिएटर एवं यथार्थवादी सिनेमा से लेकर मुख्यधारा की फिल्मों में अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले अमरीश पुरी ने मिस्टर इंडिया, नगीना, शहंशाह और हीरो जैसी अनगिनत फिल्मों में नकारात्मक किरदारों को नया आयाम प्रदान किया था।

बेजोड़ आवाज के स्वामी और रौबीले व्यक्तित्व के धनी अमरीश पुरी ने अपने बेहतरीन हावभाव से खलनायकों की भूमिका को हीरो के समकक्ष बना दिया और आखिरी दृश्यों को छोड़कर पूरी फिल्म में उनका खौफ साफ दिखता रहा।

वे उन अभिनेताओं में थे जिन्होंने साबित कर दिया कि कला फिल्मों के कलाकार भी मुख्यधारा में आकर सितारा बन सकते हैं और दर्शकों को सिनेमाघर तक जुटाने की क्षमता रखते हैं।

उल्लेखनीय है कि अमरीश पुरी के लिए फिल्मी माहौल अपरिचित नहीं था और उनके बड़े भाई मदन पुरी हिंदी फिल्मों के स्थापित अभिनेता थे। लेकिन उनके लिए फिल्मों में प्रवेश आसान नहीं रहा। सही मायनों में मुख्यधारा की फिल्मों में उनका पदार्पण करीब 40 साल की उम्र में हुआ।

इसके पहले उन्होंने थिएटर और यथार्थवादी फिल्मों की दुनिया में अच्छा खासा नाम कमाया। इसके लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार सहित कई सम्मानों से नवाजा गया।

मुख्यधारा में आने के पहले अमरीश पुरी ने श्याम बेनेगल की कई फिल्मों में बेहतरीन काम किया। इन फिल्मों में निशांत, मंथन, भूमिका, सूरज का सातवाँ घोड़ा आदि शामिल हैं।

अमरीश पुरी 1980 के दशक के उत्तरार्ध में मुख्यधारा की फिल्मों में आए और उनकी दो फिल्में नगीना और मिस्टर इंडिया अपार सफल रहीं। यह वह दौर था जब हिंदी फिल्म उद्योग वीडियो के आगमन से त्रस्त था।

इन दोनों फिल्मों की कामयाबी ने उन्हें हिंदी सिने जगत में स्थापित कर दिया। मिस्टर इंडिया में उन्होंने मोगांबो नामक विलेन की बेहतरीन भूमिका निभाई। इस फिल्म में उनका संवाद ‘मोगांबो खुश हुआ’ बहुत लोकप्रिय हुआ।

अमरीश पुरी ने करीब 400 फिल्मों में अभिनय किया। उनकी कुछ बहुचर्चित फिल्मों में मशाल, वारिस, मेरी जंग, जाँबाज, राम लखन, घायल, करण अर्जुन, कोयला, गदर आदि शामिल हैं।

उन्होंने हिंदी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन की कई फिल्मों में विलेन की सशक्त भूमिकाएँ कीं। इन फिल्मों में अंधा कानून, शक्ति, गंगा जमुना सरस्वती, शहंशाह, जादूगर, आज का अर्जुन, लाल बादशाह आदि शामिल हैं।

अमरीश पुरी ने विलेन के अलावा कई फिल्मों में चरित्र भूमिकाएँ भी कीं। उनकी ऐसी फिल्मों में दिलवाले दुल्हनियाँ ले जाएँगे, विजेता, परदेस, विरासत, चोरी-चोरी, चुपके-चुपके आदि प्रमुख हैं।

अमरीश की अभिनय प्रतिभा सिर्फ हिंदी जगत ही सीमित नहीं रही बल्कि उन्होंने अंग्रेजी, पंजाबी, कन्नड़, मलयालम, तेलुगू, तमिल आदि भाषाओं में भी काम किया।

22 जून 1932 को पंजाब में पैदा हुए अमरीश पुरी को हैट का बहुत शौक था। वे जब कभी बाहर जाते तो हैट जरूर खरीदते। कहा जाता है कि उनके पास सैकड़ों हैट थे।

परदे पर अपनी क्रूर हरकतों से दर्शकों को भयभीत करने वाले अमरीश पुरी व्यक्तिगत जीवन में धार्मिक और दयालु व्यक्ति थे। उनका 12 जनवरी 2005 को मुंबई में निधन हो गया।

अमरीश ने अपनी अभिनय प्रतिभा से सिने दर्शकों के दिलों पर राज किया और उन्हें फिल्मफेयर सहित दर्जनों पुरस्कारों से नवाजा गया।
( भाषा)

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