लफंगे परिंदे मुंबई की गलियों में रहने वाले युवाओं के एक समूह की कहानी है जो स्टाइल का दीवाना है, जिनमें एटिट्यूड है और सितारों तक पहुँचने की चाह है। साथ ही यह नंदू (नील नितिन मुकेश) और पिंकी (दीपिका पादुकोण) की प्रेम कहानी भी है जो दोस्त से प्रेमी बन जाते हैं।
नंदू बड़ा अजीब इंसान है। ऐसा लगता है कि वह फाइट करने के लिए ही पैदा हुआ है। उसे वन-शॉट नंदू कहा जाता है। गलियों में होने वाली फाइटिंग में उसका कोई मुकाबला नहीं है। जीतने के लिए वह क्रूर और जंगली बन जाता है। आँखों पर पट्टी बाँधकर वह बॉक्सिंग की रिंग में अपने प्रतिद्वंद्वी को नॉक आउट कर देता है। यह वन शॉट अपनी शर्तों पर जिंदगी जीता है और अपने दोस्तों के बीच हीरो है। पिंकी से मुलाकात होते ही अचानक सब कुछ बदलने लगता है।
बात करें पिंकी की। पूरा नाम पिंकी पालकर। वह दृष्टिहीन है, लेकिन किसी से कम नहीं। उसे टेलेंट का पॉवरहाउस कहा जाता है। एक मॉल में वह बोरिंग-सा ‘9 टू 5’ जॉब करती है। स्केट पहन कर वह शानदार डांस करती है। प्रतिभाशाली, मजबूत इरादे वाली इस लड़की के ऊँचे सपने हैं। शख्सियत उसकी ऐसी है कि ज्यादातर लोग उससे घबराते हैं। उसकी इच्छा है कि वह अपने इलाके के ‘लूज़र्स’ से ऊँचा उठकर खुद अपनी एक जगह बनाए। अपने टेलेंट के जरिये साबित कर सके कि वह भी जिंदगी की दौड़ में विजयी हो सकती है। इस राह में एक छोटी-सी बाधा ये है कि वह ब्लाइंड है।
नंदू और पिंकी दो अलग शख्सियत हैं। उनकी मुलाकात होती है और प्रेम होता है। ‘लफंगे परिंदे’ एक आँखों पर पट्टी बाँधकर लड़ने वाले स्ट्रीट फाइटर और दृष्टिहीन डांसर की कहानी है जो अपने चार दोस्तों के साथ असंभव को हासिल करने की यात्रा पर निकलते हैं।
क्या वन-शॉट नंदू प्यार करना सीख पाएगा?
क्या पिंकी कभी देख पाएगी?
जानने के लिए देखना होगी ‘लफंगे परिंदे’।