इवेंट मैनेजमेंट में शानदार करियर

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एक चकाचौंध भरे करियर के तौर पर इवेंट मैनेजमेंट यंग जनरेशन में दिनोंदिन लोकप्रिय हो रहा है। दिल्ली, मुंबई, जयपुर, बंगलोर, कोलकाता, चंडीगढ़ जैसे महानगरों में तीन हजार से ज्यादा इवेंट कंपनियाँ हैं। इसके अलावा अब छोटे शहरों में भी इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों का चलन प्रारंभ हो चुका है।

इनके जरिए युवाओं को आकर्षक रोजगार मिला है। यही कारण है कि करीब दस साल पहले शुरू हुए इस क्षेत्र में हर साल लगभग तीन सौ प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है।

इवेंट मैनेजमेंट में उज्ज्वल भविष्य की बड़ी संभावनाएँ हैं। इसका काम कुछ हद तक जनसंपर्क एजेंसियों से मेल खाता है। बड़ी उत्पादक कंपनियाँ अपने नए प्रॉडक्ट को मार्केट में उतारने से पहले कार्पोरेट जगत में अपनी पहचान बनाने या किसी प्रॉडक्ट की बिक्री बढ़ाने के लिए कई तरह के इवेंट करवाती रहती है। वहीं इवेंट मैनेजमेंट के तहत सेमिनार, प्रेस कांफ्रेंस, सौंदर्य प्रतियोगिता, क्रिकेट मैच, लेजर बीम शो, डांस व मूवी शो आदि को भी बेहतर ढंग से अंजाम दिया जाता है।

किसी भी कार्यक्रम को उसकी सभी जरूरतों और बजट के मुताबिक बेहतरीन ढंग से अंजाम देना इवेंट मैनेजमेंट से जुड़े लोगों का काम है। फिर चाहे वह जनसंपर्क, मार्केटिंग, मॉडलिंग हो या विज्ञापन का अतिरिक्त कार्यक्षेत्र। इसमें तड़क-भड़क वाले कार्यक्रमों का भव्यआयोजन मुख्य कार्य है।

कार्यक्रम के अधिक से अधिक टिकट बेचने, उसे लोकप्रिय बनाने व लाभ कमाने के उद्देश्य से विज्ञापनों को आकर्षक बनाने की रूपरेखा भी कई बार इवेंट मैनेजमेंट कंपनियाँ ही तैयार करती हैं। अब मीडिया, प्लानिंग, विज्ञापन और मार्केटिंग से जुड़े किसी भी बड़े कैम्पेन में कोई न कोई इवेंट जरूर जुड़ा रहता है।

मौजूदा समय में औद्योगिक घरानों के घरेलू समारोह, शादी, जन्मदिन, वर्षगाँठ के बड़े पैमाने पर आयोजन की जिम्मेदारी भी इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को सौंपी जाने लगी है।

फिल्मी सितारे व राजनेता भी अपने आयोजनों के लिए इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों पर भरोसा करते हैं।

योग्‍यता
अगर आप मेहनती हैं, रात दिन काम करने का हौसला रखते हैं, अगर आपकी जान-पहचान का दायरा बड़ा है, आपको नए-नए लोगों से मेलजोल अच्छा लगता है तो इवेंट मैनेजमेंट आपके लिए एक उम्दा करियर साबित हो सकता है।

इस करियर के लिए किसी खास डिग्री या डिप्लोमा की जरूरत नहीं पर हिन्दी व अँगरेजी का अच्छा ज्ञान होना जरूरी है। विज्ञापन, जनसंपर्क, पत्रकारिता में डिप्लोमा हो तो इस काम की बारीकियों को गहराई से समझा जा सकता है। इसके आधार पर किसी भी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में नौकरी पाई जा सकती है।

इवेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में बढ़ती माँग को देखते हुए कुछ संस्थानों ने डिप्लोमा पाठयक्रम भी चलाए हैं। इनमें प्रमुख नाम हैं- ईएमडीआई (इवेंट मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट), एनआईईएम (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट), सीओईएम (कॉलेज ऑफ इवेंट मैनेजमेंट)।

ये संस्थाएँ विशेष तौर पर इवेंट मैनेजमेंट का कोर्स (भारत में) उपलब्ध करवाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ और संस्थान भी हैं। जैसे इंटरनेशनल इंस्टीटयूट ऑफ फैशन, ए-34 नारायण इंडस्ट्रीयल एरिया, फेस-2, दिल्ली। मुद्रा इंडस्ट्रीज ऑफ मासकम्युनिकेशन, अहमदाबाद, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन, 4 ग्रीन, एवेन्यू, डी-3 के पीछे, बसंत कुंज नई दिल्ली, एनआईए सैनिक फार्म, खानपुर, नई दिल्ली।

इनके अलावा लगभग सभी बड़े शहरों में कुछ ऐसे संस्थान हैं, जहाँ इवेंट से जुड़े डिप्लोमा कोर्सेस हैं। हालाँकि ये डिप्लोमा रोजगार के लिए जरूरी योग्यता नहीं है लेकिन ये उम्मीदवार को संबंधित करियर की बारीकी की जानकारी देते हैं। डिप्लोमा करने पर उम्मीदवार को प्रेफरेंस मिलना स्वाभाविक है। डिप्लोमा में दाखिले के लिए 10+2 तथा पीजी डिप्लोमा कोर्स मेंदाखिले के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। ये डिप्लोमा आमतौर पर 6 माह से एक वर्ष की अवधि के होते हैं।

कार्य का स्वरूप
इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी के तहत कई विभाग होते हैं। इस ग्रुप में पचास से सौ लोग शामिल हो सकते हैं। इनमें कस्टमर केयर सेवा के अंतर्गत ग्राहक कंपनियों से संपर्क साधने, सेवाओं या प्रॉडक्ट के नमूने दिखाने तथा कला व उत्पादन विभाग के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने का काम होता है।

कला व प्रॉडक्शन वर्ग में स्टेज डेकोरेशन, इंटीरियर डेकोरेशन, आर्किटेक्चर जैसे काम करने होते हैं।

क्रिएटिव विभाग में युवाओं को प्रदर्शनियों, शो तथा कार्यक्रमों में कलात्मक व रचनात्मक जिम्मेदारियाँ सौंपी जाती हैं। को-आर्डिनेशन विभाग कलाकारों, निवेशकों, प्रबंधकों व अन्य लोगों के बीच तालमेल बनाए रखता है ताकि किसी भी आयोजन को बेहतर ढंग से निबटायाजा सके।

तकनीकी वर्ग में साउंड सिस्टम, लेजर शो, स्टेज लाइटिंग के ठेकेदारों व कर्मचारियों के काम की निगरानी करनी होती है। इवेंट कंपनी के किसी भी विभाग में आरंभिक वेतन 5-6 हजार रुपए होता है जो अनुभव व योग्यता के आधार पर 50 हजार रुपए मासिक तक भी हो सकता है।

कैसे करें शुरुआत
पत्र-पत्रिकाओं या अन्य माध्यमों में इवेंट कंपनियों के पते अक्सर छपते रहते हैं। इन कंपनियों में अपना बायोडाटा व रंगीन फोटो भेजकर या खुद जाकर संपर्क किया जा सकता है। इंटरव्यू के बाद कंपनी उम्मीदवार का चुनाव करती है।

हर साल पचास करोड़ के टर्नओवर के इस उद्योग में युवाओं के लिए अपार अवसर हैं। इवेंट कंपनी में 2-3 वर्ष तक नौकरी के बाद अनुभव हासिल कर आप नई कंपनी की रूपरेखा खुद तैयार कर सकते हैं व कुछ दूसरे उत्साही लोगों के साथ टीम बनाकर इवेंट की दुनिया में आगे बढ़ सकते हैं।
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