दस विधायकों की हैट्रिक

दोहरी हैट्रिक रविंद्र चौबे के नाम

Webdunia
रायपुर। विधानसभा चुनाव में इस बार किसी ने जीत की हैट्रिक बनाई तो किसी ने हार की। दस विधायक जीत की हैट्रिक बनाने में कामयाब रहे, जबकि दोहरी हैट्रिक एकमात्र कांग्रेस के रविंद्र चौबे के नाम रही। वे साजा क्षेत्र से छठवीं बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। वहीं, सर्वाधिक सात बार चुनाव जीतने का रिकार्ड कांग्रेस के रामपुकार सिंह के नाम दर्ज हो गया है।

अविभाजित मध्यप्रदेश और राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ का राजनीतिक इतिहास काफी रोचक रहा है। पिछले सात चुनावों और मौजूदा चुनाव नतीजे का विश्लेषण करने से पता चलता है कि डेढ़ दर्जन उम्मीदवारों ने खुद ही अपना मुकाम हासिल किया है। इस बार के चार नवनिर्वाचित विधायक ऐसे हैं, जो 1977 से चुनाव लड़ रहे हैं। ये हैं-पत्थलगाँव से रामपुकार सिंह, रामपुर से ननकीराम कंवर, कटघोरा से बोधराम कंवर व बेलतरा से बद्रीधर दीवान। रामपुकार की सातवीं, बद्रीधर की तीसरी तो ननकी व बोधराम की पाँचवीं पारी है।

इस बार के चुनाव में तीन उम्मीदवार दोहरी हैट्रिक के लिए मैदान में उतरे थे, जिनमें से सिर्फ रविंद्र चौबे ही साजा से लगातार छठवीं बार चुनाव जीत पाए। बाकी दो सीतापुर से गणेशराम भगत व रायपुर ग्रामीण से सत्यनारायण शर्मा का सपना अधूरा रह गया। तीन विधायक लगातार पाँचवीं बार चुनाव जीतने में सफल हुए हैं। इनमें रायपुर दक्षिण से भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल, रामानुजगंज से भाजपा के रामविचार नेताम व खरसिया से कांग्रेस के नंदकुमार पटेल शामिल हैं।

इस बार 18 उम्मीदवार पहली हैट्रिक के लिए चुनाव समर में उतरे थे, जिनमें दस विधायक ही सफल हुए। इनमें सरायपाली से डॉ. हरिदास भारद्वाज, रायगढ़ से डॉ.शक्राजीत नायक, लोरमी से धर्मजीत सिंह, बेमेतरा से ताम्रध्वज साहू, कोंटा से कवासी लखमा, पंडरिया से मोहम्मद अकबर, पाली तानाखार से रामदयाल उइके, रामपुर से ननकीराम कंवर, बिलासपुर से अमर अग्रवाल व दुर्ग शहर से हेमचंद यादव प्रमुख हैं। दूसरी तरफ बलौदाबाजार से गणेशंकर वाजपेयी, भरतपुर-सोनहट से गुलाब सिंह, दंतेवाड़ा से महेंद्र कर्मा, बीजापुर से राजेंद्र पामभोई, कवर्धा से योगेश्वर राज सिंह, सक्ती से मेघाराम साहू और कुरुद से अजय चंद्राकर की हैट्रिक का सपना धरा रह गया।

तीसरी बार हार का मुँह देखना पड़ा : पांच उम्मीदवारों ने हार की हैट्रिक बनाई है। इनमें पत्थलगाँव से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और दुर्ग शहर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के पुत्र अरुण वोरा के अलावा नवागढ़ से डीपी धृतलहरे, बिलासपुर से अनिल टाह व दंतेवाड़ा से मनीष कुंजाम शामिल हैं। इनके अलावा दर्जनभर उम्मीदवारों को लगातार दूसरी बार हार का मुँह देखना पड़ा।

इनमें पाल से बृहस्पति सिंह, धर्मजयगढ़ से चनेशराम राठिया, कटघोरा से बनवारीलाल अग्रवाल, आरंग से गंगूराम बघेल, भाटापारा से शिवरतन शर्मा, भानुप्रतापपुर से मनोज मंडावी, अंतागढ़ से मंतूराम पवार, बस्तर से लखेश्वर बघेल, चित्रकोट से प्रतिभा शाह, गुंडरदेही से घनाराम साहू, संजारी बालोद से लोकेंद्र यादव, डोंगरगाँव से गीतादेवी सिंह व डोंगरगढ़ से धनेश पाटिला प्रमुख हैं। (नईदुनिया)

Show comments

जरूर पढ़ें

Rahul Gandhi : लोकसभा में राहुल गांधी होंगे विपक्ष के नेता, विपक्षी नेताओं की बैठक में फैसला

MP: मोहन सरकार का अहम फैसला, अब मंत्री स्वयं अदा करेंगे अपना आयकर सरकार नहीं

इंदौर-भोपाल, नागपुर, जयपुर से लेकर देशभर के शहरों में क्‍यों शटडाउन हो रहे FIIT JEE सेंटर्स, क्‍या है स्‍कैम?

काम आया पाई-पाई बचाया पैसा, 46 साल के भारतीय इलेक्ट्रिशियन ने निवेश में जीते 2 करोड़ रुपए, जानिए कैसे

राहुल ने संविधान हाथ में लेकर शपथ ली, ओवैसी बोले जय फिलीस्तीन

सभी देखें

नवीनतम

ओम बिरला दूसरी बार बने लोकसभा स्पीकर, पीएम मोदी ने दी बधाई

इंदौर की सफाई पर दाग, सांसद की संस्था पर 21 हजार रुपए का जुर्माना

बड़ी खबर, CBI ने केजरीवाल को किया गिरफ्तार

live : ओम बिरला बने लोकसभा स्पीकर, ध्वनि मत से चुने गए

Petrol Diesel Prices: पेट्रोल डीजल के ताजा भाव जारी, जानें आपके शहर में क्या हैं ताजा भाव