रंगोली सजाने के नियम

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1. मूल्यतः रंगोली छोटे-छोटे टुकड़ों में सजाई जाती थी परंतु अब कमरे के पूरे फर्श पर सजाई जाती है। यहाँ तक कि बड़े-बड़े होटलों के पूरे फ्लोर में क्लिष्ट व विस्तृत रूप में सजाई जाती है।
2. पूरी सामग्री को सजाने की जगह पर साथ में रखना चाहिए।
3. आजकल रंगोली सजाने में हल्के रंगों का भी इस्तेमाल होने लगा है।
4. इसके लिए कलाकार पहले हल्की कोटिंग करता है। फिर उस पर विभिन्न सामग्रियों का लेप लगाता है।
5. परंपरागत रूप से रंगोली मांगलिक अवसरों या त्योहारों के अवसर पर सजाई जाती थी, परंतु आजकल इसे सजाने के लिए अवसरों की तलाश होती रहती है। चाहे किसी चीज का लोकार्पण हो या होटलों के प्रचार-प्रसार की बात हो, रंगोली सजा दी जाती है।
6. इसके अतिरिक्त आजकल कलाकारों ने रंगोली प्रर्दशनी भी शुरू कर दी है। इनमें आधुनिकता और परंपरा का समावेश आसानी से लक्षित किया जा सकता है।
7. आजकल रंगोली के लिए कलाकारों ने पानी को भी माध्यम बना लिया है।
इसके लिए एक टब या टैंक में पानी को लेकर स्थिर व क्षैतिज (होरीजेंटल) क्षेत्र में पानी को डाल दिया जाता है। कोशिश यह की जाती है कि पानी को हवा या किसी अन्य तरह के संवेग से वास्ता न पड़े। इसके बाद चारकोल के पावडर को छिड़क दिया जाता है। इस पर कलाकार अन्य सामग्रियों के साथ रंगोली सजाते हैं। इस तरह की रंगोली भव्य नजर आती है।
8. रंगोली को झाडू या पैरों से नहीं हटाया जाता है बल्कि इन्हें पानी के फव्वारों या कीचड़ सने हाथों से हटाया जाता है।
9. रंगोली की डिजाइनें मूल्यतः प्रकृति से ली जाती हैं। इनमें तोते, हंस, आम, फूल-पत्ते आदि प्रमुख हैं।

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