मस्तिष्क कैन्सर (ब्रेन ट्यूमर)

-सेहत डेस्क

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मस्तिष्क कैन्सर यानी ब्रेन ट्यूमर एक खतरनाक रोग है। समय रहते इसका उचित इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा साबित होता है।
ब्रेन ट्यूमर 3 से 12 या 15 वर्ष की आयु में अथवा 50 वर्ष की आयु के बाद होता है। यह रोग पुरुष या महिलाएँ किसी को भी हो सकता है। यह रोग विशेष प्रकार के विषाणु के संक्रमण से हो सकता है या प्रदूषित पदार्थों का श्वसन क्रिया के साथ प्रवेश करना रोग की उत्पत्ति का कारण हो सकता है।

सिर दर्द के लक्षण को लोग साधारण समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। ज्यादातर होता यह है कि यह दर्द निवारक औषधियों से ठीक हो जाता है। जब यह साधारण दवा से ठीक नहीं होता तो, लोग दवा की मात्रा बढ़ाते जाते हैं, यह घातक हो सकता है।

सिर दर्द के अनेक कारण हो सकते हैं, जिसमें मामूली जुकाम से लेकर रक्तचाप, गुर्दे व हृदय तक की बीमारी हो सकती है। इन बीमारियों से मस्तिष्क के प्रभावित होने पर सिर दर्द के लक्षण मिलते हैं।

मस्तिष्क कैन्सर के लक्ष ण

* मस्तिष्क कैन्सर का एक लक्षण सिर दर्द भी है, जो प्रायः प्रातःकाल बहुत तेज होता है और जैसे-जैसे दिन चढ़ता है, सिर दर्द कम होना शुरू हो जाता है। यह दर्द प्रायः सिर के सामने अथवा पीछे की ओर अधिक होता है।

* इस दर्द के प्रारंभ में साधारण दर्द निवारक दवाओं से तो आराम मिल जाता है, लेकिन फिर इन दवाओं का प्रभाव भी खत्म होता जाता है, साथ ही सिर दर्द की तीव्रता बढ़ती ही जाती है।

* मस्तिष्क कैन्सर या ब्रेन ट्यूमर में सिर दर्द की तीव्रता के साथ-साथ अन्य लक्षण, जैसे शरीर में चैतन्यता की असामान्यता, किसी विषय पर बार-बार सोचने के लिए बल का प्रयोग करना, दृष्टि में बदलाव, चलने, स्पर्श, सूंघने, सुनने आदि की क्रियाओं में परिवर्तन के लक्षण दृष्टिगोचर होने लगते हैं।

* मस्तिष्क अथवा इससे संबंधित क्रियाओं में अचानक परिवर्तन आ जाता है। इसका कारण मस्तिष्क के अंदर किसी अनावश्यक कोश की वृद्धि का होना होता है, जो शरीर के किसी अन्य भाग में गाँठ या घाव का प्रतिरूप है। जैसे ही इसके विकास की गति तीव्र होती है, सिर के साथ गर्दन में भी दर्द होने लगता है और रोगी अचानक बेहोश हो सकता है।

मस्तिष्क कैन्सर निदान का तरीक ा

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* इस बीमारी का उपचार बीमारी के लक्षण और परीक्षण से ही कुछ हद तक हो जाता है। फिर भी परीक्षण के बाद विशेष प्रकार की जाँच, जैसे सिर का एक्स-रे, कैंट स्केन, रीढ़ की हड्डी से पानी की जाँच आदि से रोग की पुष्टि हो जाती है। आज इस रोग का उपचार रोग की प्रारंभिक अवस्था में करना बहुत ही आसान हो गया है।

* शल्य चिकित्सा, रेडियो थेरेपी तथा दवाएँ इस रोग के उपचार के लिए प्रभावी सिद्ध हुए हैं। रोग की स्थिति के अनुसार उपरोक्त विधियों से उपचार किया जाता है।

* सिर दर्द किसी प्रकार का भी हो, हर व्यक्ति को इसके प्रति सचेत रहना चाहिए। उपरोक्त लक्षण प्रतीत हों तो शीघ्र ही परीक्षण कराकर रोग की पुष्टि करा लेना चाहिए, क्योंकि किसी भी बीमारी की चिकित्सा प्रारंभिक अवस्था में आसानी से की जा सकती है।

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