सत्ताइसवां रोजा : रहमत बरस रही हैं माहे मुबारक में

Webdunia
आज सत्ताईसवां रोजा है। कल छब्बीसवां रोजा और शबे-क़द्र की तलाश (सत्ताईसवीं रात) साथ-साथ थे। यहाँ यह बात जानना जरूरी है कि छब्बीसवां रोजा जिस दिन होगा, उसी शाम गुरुबे-आफ़ताब के बाद (सूर्यास्त के पश्चात) सत्ताईसवीं रात शुरू हो जाएगी, जिसमें अक्सर शबे कद्र की तलाश की जाती है।

यह उन ताक रातों में से एक है, जिनमें शबे कद्र को तलाश किया जाता है।

ताक रातों में 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं और 29वीं रात को कहते हैं, जिनमें इबादत कर बन्दे शबे कद्र को ढूंढते हैं। शबे कद्र हजारों लाखों रातों से अफज़ल रात है और अगर कोई बंदा यह राज इबादत में गुज़ार दे तो उसे हज़ारों लाखों रातों की इबादत का सवाब मिलता है।

रवेयत है कि शबे कद्र की रात को फरिश्तों के सरदार जिब्रिल अमीन खुद ज़मीन पर आकर उन लोगों से मुसाफा करते हैं जो इस मुबारक रात में इबादत करते हैं। शबे कद्र का जिक्र कुरआन में आया है और लयलतुल कद्र की फज़ीलत कुआन ने बयान की है।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Nanak Jayanti 2024: कब है गुरु नानक जयंती? जानें कैसे मनाएं प्रकाश पर्व

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

शमी के वृक्ष की पूजा करने के हैं 7 चमत्कारी फायदे, जानकर चौंक जाएंगे

Kartik Purnima 2024: कार्तिक मास पूर्णिमा का पुराणों में क्या है महत्व, स्नान से मिलते हैं 5 फायदे

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

सभी देखें

धर्म संसार

Supermoon: कब दिखाई देगा वर्ष 2024 का आखिरी सुपरमून या बीवर मून, जानें क्या होता है?

Aaj Ka Rashifal: अपनी राशिनुसार आजमाएं आज यह शुभ उपाय, पढ़ें 15 नवंबर का भविष्यफल

कार्तिक पूर्णिमा देव दिवाली की पूजा और स्नान के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और आरती सहित मंत्र

15 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

15 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त