नेल्सन मंडेला : प्रोफाइल

Webdunia
PTI
दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की नीति का खात्मा करने वाले नेल्सन मंडेला का अपने देश में वही स्थान है जैसाकि भारत में महात्मा गांधी का है। उन्होंने लगभग एक रक्तहीन क्रांति कर अफ्रीकी लोगों को उनका हक दिलाया और इस परिवर्तन के दौरान हिंसा नहीं हुई क्योंकि वे बातचीत से समस्याएं हल करने में विश्वास करते थे। मंडेला का 6 दिसंबर, 2013 को निधन हो गया।

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले गोरों को समझाया कि वे देश में अल्पसंख्‍यक हैं इसलिए सत्ता की बागडोर बहुसंख्‍यक अश्वेतों के हाथों में होना चाहिए। उनकी श्वेतों के साथ बातचीत ने सत्ता के हस्तांतरण का मार्ग प्रशस्त किया और इसके लिए अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस को तैयार किया।

उन्होंने श्वेत राष्ट्रपति एफ. डब्ल्यू डी क्लार्क से सत्ता संभाली थी और देश का राष्ट्रपति बना रहने के बाद इसे अपने साथी थाबो एमबेकी को सौंप दी। एमबेकी के बाद से सत्ता पर जैकब जुमा हैं जोकि वर्तमान में देश के राष्ट्रपति हैं।

पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को केप प्रांत के मवेजो गांव में हुआ। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद नीति की नीत‍ि के खिलाफ और अफ्रीका के लोगों के स्वराज्य के लिए लड़ाई लड़ी। इसके लिए उन्हें 27 वर्ष रॉबेन द्वीप की जेल में बिताने पड़े। अब 94 वर्षीय मंडेला का पूरा नाम नेल्सन रोहिल्हाला मंडेला है।

यह नाम उनके पिता ने उन्हें दिया। रोहिल्हाला का अर्थ होता है पेड़ की डालियों को तोड़ने वाला या प्यारा शैतान बच्चा। नेल्सन के पिता गेडला हेनरी गांव के प्रधान थे। नेल्सन के परिवार का संबंध शाही परिवार से था। नेल्सन की मां एक मेथडिस्ट ईसाई थीं। नेल्सन ने क्लार्क बेरी मिशनरी स्कूल से अपनी आरंभिक पढ़ाई की थी। छात्र जीवन में ही उन्हें रंगभेद नीति का सामना करना पड़ा। स्कूल में उन्हें याद दिलाया जाता कि उनका रंग काला है। अगर वे सीना तानकर चलेंगे तो उन्हें जेल तक जाना पड़ सकता है।

इस रंगभेद नीति के चलते उनमें एक क्रांतिकारी का जन्म हो रहा था। नेल्सन ने हेल्डटाउन से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। यह अश्वेतों के लिए बनाया गया एक स्पेशल कॉलेज था। यहीं पर उनकी मुलाकात ऑलिवर टाम्बो से हुई जो उनके जीवनभर दोस्त और सहयोगी रहे। उन्होंने अफ्रीका की यूनिवर्सिटी ऑफ फोर्ट हेयर के अलावा, लंदन की यूनिवर्सिटी एक्सटर्नल सिस्टम, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ अफ्रीका और यूनिवर्सिटी ऑफ विटवाटरर्सरैंड में पढ़ाई की।

1940 तक नेल्सन और ऑलिवर अपने राजनीतिक विचारों के कारण कॉलेज में काफी चर्चित हो गए। इस गतिविधि के कारण दोनों को कॉलेज से बाहर कर दिया गया। इसके बाद वे घर लौट आए। घरवाले उनकी शादी की तैयारी करने लगे, लेकिन नेल्सन के मन तो विद्रोह चल रहा था।

वे घर से भागकर जोन्हानसबर्ग आ गए। यहीं पर उनकी मुलाकात वाल्टर सिसलू और वाल्टर एल्बर टाइन से हुई। अश्वेत होने के कारण नेल्सन को नौकरी पर हर रोज अपमानित होना पड़ता। 1944 में उन्होंने मित्र वाल्टर सिसुलू की बहन इवलिन एनतोको मेस से शादी की। बाद में उन्होंने विनी मंडेला और अंत में ग्रेसा माशेल के साथ विवाह किया। विनी मंडेला के साथ उनका तालमेल नहीं बैठा क्योंकि वे बहुत अधिक राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखती थीं इसलिए मंडेला ने उनसे किनारा कर लिया था। अंत में उनकी तीसरी शादी ग्रेसा माशेल से हुई जोकि एक अफ्रीकी देश के पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी थीं।

मंडेला ने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग की स्थापना की और अफ्रीका के अश्वेत युवाओं को एक नेतृत्वकर्ता दिया। जब पूरे विश्व पर गांधीजी का प्रभाव था, नेल्सन पर भी उनका प्रभाव पड़ा। अश्वेतों को उनका अधिकार दिलाने के लिए 1991 में कनवेंशन फॉर ए डेमोक्रेटिक साउथ अफ्रीका (कोडसा) का गठन किया जो देश में शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन करने की अगुवा बनी। श्वेत नेता डी क्लार्क और मंडला ने इस काम में अपनी समान भागीदारी निभाई। 10 मई 1994 को दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदरहित चुनाव हुए।

1993 में नेल्सन मंडेला और डी क्लार्क को संयुक्त रूप से शांति के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। 1990 में भारत सरकार की ओर से उन्हें भारत रत्न पुरस्कार दिया गया।

Show comments

जरूर पढ़ें

Weather Update : हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बादल फटने से मची तबाही, हल्द्वानी में नहर में गिरी कार, वायनाड में बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी

TTP के हमले में विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ने वाले पाक मेजर की मौत, फिर सामने आई आतंकीस्तान की सचाई

CBSE का बड़ा निर्णय, साल में 2 बार होंगी class 10 एक्जाम, पहली बार फरवरी तो दूसरी बार मई में एग्जाम

RBI ने कॉल मनी के लिए बाजार समय 1 जुलाई से 2 घंटे बढ़ाया, सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक होगा कार्यकाल

फ्रांस की महिला पर्यटक के साथ उदयपुर में बलात्कार, यौन उत्पीड़न के मामले में अमेरिका ने पर्यटकों को किया था आगाह

सभी देखें

नवीनतम

जल गंगा संवर्धन अभियान में उज्जैन में रामायणकालीन लक्ष्मण बावड़ी को मिला नवजीवन

ट्रंप का बड़ा बयान, चीन से हुई ट्रेड डील, भारत के साथ होने वाला है बहुत बड़ा व्यापार समझौता

खाकी वर्दी पर अभद्र टिप्पणी करने वालों को पुलिस ने सिखाया सबक, आरोपी बोले महिलाएं हमारी मां - बहन

अहमदाबाद में जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान बेकाबू हुआ हाथी, वीडियो वायरल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज रतलाम में करेंगे "एमपी राइज 2025" का शुभारंभ