काफी खर्चीली है अमेरिका की पढ़ाई

Webdunia
- रक्षा बतर ा
पढ़ाई का स्वर्ग कहा जाने वाला अमेरिका निश्चित ही उच्च अध्ययन करने वाले छात्रों को बेहतर तथा आधुनिकतम शिक्षा प्रदान करता है, जिस तरह का शैक्षणिक तकनीक तथा सम्पूर्ण शैक्षणिक माहौल अमेरिका में उपलब्ध है, विकासशील देशों में उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। अमेरिका में यदि छात्रों को इतनी सुविधा उपलब्ध है तो निश्चित ही छात्रों को इसके लिए काफी खर्च करना पड़ता होगा।

इस आलेख में हम अमेरिकी शिक्षा खर्च की जानकारी प्रदान कर रहे हैं, ताकि वहाँ जाकर अध्ययन करने से पूर्व अपनी वित्तीय स्थिति तथा व्यवस्था का सही-सही आकलन किया जा सके।

एक विकसित तथा सर्वसाधन सम्पन्न होने से अमेरिका में रहने वालों को प्रत्येक मद पर बेहिसाब खर्च करना पड़ता है। शायद यही कारण है कि विदेशी शिक्षा प्रदान करने वाले राष्ट्रों में अमेरिकी पढ़ाई सबसे ज्यादा महँगी है। पढ़ाई खर्च की यह मार विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा जारी आवेदन पत्रों तथा विवरणिकाओं के शुल्क से ही पड़नी आरंभ हो जाती है।

हमारे यहाँ मिलने वाले आवेदनों का अधिकतम शुल्क 500-700 रुपए है, जबकि अमेरिका में आवेदनों का न्यूनतम शुल्की 900 रुपए के लगभग होता है। अधिकतम शुल्क तो चार-पाँच हजार अर्थात 100 डॉलर तक होता है। इतना ही नहीं अमेरिका विश्वविद्यालयों में प्रवेश पूर्व जो मानक परीक्षाएँ देनी पड़ती है, उसके लिए भी 2000 से लेकर 5000 रुपए के बराबर राशि का भुगतान करना अपेक्षित होता है।

भारत में शिक्षा जितनी सस्ती है, अमेरिका में यह उतनी ही महँगी है। वहाँ शिक्षा के लिए शिक्षण शुल्क के अलावा पुस्तकों तथा पाठ्य सामग्रियों की कीमत के साथ-साथ विश्वविद्यालयीन सेवा शुल्क भी भुगतान करना पड़ता है। वहाँ पर पुस्तकों तथा शिक्षण सामग्री के रूप में लगभग 600 डॉलर या अधिक राशि का भुगतान करना पड़ता है।

जहाँ तक शिक्षा प्रणाली का प्रश्न है अमेरिका में भी सरकारी तथा निजी शिक्षण संस्थानों के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाती है। इन दोनों संस्थानों के शिक्षण शुल्क में काफी अन्तर होता है। अमेरिका के सरकारी संस्थानों में शिक्षण शुल्क 5 से लेकर 9हजार डॉलर है, जबकि इसी स्तर की पढ़ाई के लिए 10 हजार डॉलर (साढ़े चार लाख रुपए) से लेकर 16 हजार डॉलर (साढ़े सात लाख रुपए) का भुगतान करना होता है।

आमतौर पर शैक्षणिक संस्थानों में ही छात्रों के आवास तथा भोजन आदि की व्यवस्था होती है। यह खर्च भी कुछ कम नहीं होता। सरकारी संस्थानों में इस मद में चार-पाँच हजार डॉलर वसूल किए जाते हैं, तो निजी संस्थानों में छात्रों को रहने तथा खाने के नाम पर पाँच से छह हजार डॉलर का भुगतान करना होता है। इस तरह अमेरिका जाकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को पढ़ने, रहने तथा खाने पर कम से कम साढ़े सात लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक खर्च करना होते हैं।

इन खर्चों के अलावा अमेरिका जाकर रहने और पढ़ने वाले छात्रों को खाने-पीने तथा पढ़ाई के अलावा और भी खर्च करने होते हैं। दैनिक उपयोग की वस्तुओं, कपड़ों, लांड्री आदि पर प्रतिवर्ष चार-पाँच हजार डॉलर अर्थात दो ढाई लाख रुपए का खर्च मामूली बात है। यदि किसी छात्र को वहाँ पाँच साल तक पढ़ाई करना पड़े तो 50 लाख से लेकर 75 लाख रुपए अर्थात प्रति वर्ष 10 लाख से 15 लाख रुपऐ का अनुमानित व्यय संभावित है। इतना खर्च सामान्य छात्रों के बस की बात नहीं है।

इतना खर्च करने के लिए छात्रों को अपनी वित्तीय व्यवस्था का आकलन करना चाहिए। वैसे भी आवेदन करते समय सभी विश्वविद्यालयों को अपनी सुदृढ़ वित्तीय स्थिति से संतुष्ट करना जरूरी है, क्योंकि अमेरिका में छात्रों को विशेष कर विदेशी छात्रों को रोजगार करने की छूट नहीं है।


Show comments

जरूर पढ़ें

LoC से सटे उड़ी को भूतिया शहर बना दिया पाक गोलाबारी ने

भारत को कैसे मिलेगा POK, सेना के पूर्व DGMO ने बताया तरीका

अमेरिका में कर लगने से भारतीयों के लिए घर पैसा भेजना होगा महंगा

पाकिस्तान को दुनिया में बेनकाब करेंगे भारत के सांसद, कांग्रेस से कौन कौन?

नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुई बहादुर K9 सिपाही ‘रोलो’!

सभी देखें

नवीनतम

सैनिक स्कूल में कैसे होता है एडमिशन, जानिए फीस, परीक्षा और सिलेक्शन का पूरा प्रोसेस

HPBOSE 10th Result : हिमाचल बोर्ड के 10वीं कक्षा के नतीजे घोषित, लड़कियों ने हासिल किए शीर्ष 7 स्थान

CBSE Toppers List नहीं होगी जारी, टॉप 0.1 प्रतिशत छात्रों को दिए जाएंगे Certificate, जानिए क्या है कारण

इस आसान फ़ॉर्मूले से याद करें विश्व के 7 बड़े देश, 1 बार याद कर लिया तो जिंदगी भर नहीं भूलेंगे

CBSE 10th, 12th Result 2025 : सीबीएसई 10वीं-12वीं के रिजल्ट को लेकर digilocker पर आया बड़ा अपडेट, जानिए कब घोषित होंगे नतीजे