नरेन्द्र मोदी

Webdunia
FILE
भाजपा ने गुजरात में तीसरी बार जीत की हैटट्रिक बना चुके नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनावों के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है।

नरेंद्र मोदी मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को वडनगर में अन्य पिछड़ा वर्ग के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था।

वे दामोदरदास मूलचंद मोदी और उनकी पत्नी हीराबेन के छह बच्चों में से तीसरे हैं। बचपन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं और किशोरावस्था से ही उनका राजनीति के प्रति झुकाव था। हालां‍क‍ि उनकी पत्नी और एक बेटे के बारे में अपुष्ट जानकारी है लेकिन नरेंद्र मोदीभाई ने कभी इसकी पुष्टि नहीं की है।

मोदी पूरी तरह से शाकाहारी व्यक्ति हैं। एक युवा के तौर पर वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं लेकिन इससे भी पहले साठ के दशक में भारत-पाक युद्ध के दौरान किशोर नरेंद्र मोदी रेलवे स्टेशनों से गुजरने वाले सैनिकों की मदद करने के लिए एक स्वयंसेवक के रूप में सक्रिय रहे हैं।

एक किशोर के तौर पर उन्होंने अपने भाई के साथ एक टी स्टाल भी चलाया है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वडनगर में ही रहकर पूरी की। बाद में, उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री ली।

भारत और विदेशों में 2002 की गुजरात हिंसा और उनके निजी जीवन को लेकर नरेंद्र मोदी मोदी विवादों में रहे हैं और उनकी सरकार की कड़ी आलोचना की जाती रही है। वे काफी समय तक संघ में पूर्ण कालिक प्रचारक भी रहे और बाद में इसके प्रतिनिधि के तौर पर भारतीय जनता पार्टी में शामिल किए गए।

मोदी को मितव्ययी और मिताहारी के तौर पर जाना जाता है। उनके निजी स्टाफ में केवल तीन लोग हैं। अंतर्मुखी मोदी को हमेशा ही काम करते रहने वाले व्यक्ति के तौर पर भी जाना जाता है। वे कभी-कभी बिजनेस सूट पहने भी नजर आते हैं लेकिन बहुत कम अवसरों पर। उन्होंने अपने राज्य में बिना सरकारी अनुमति के बने बहुत सारे मंदिरों को भी गिराने का आदेश दिया था जिसकी विश्व हिंदू परिषद ने आलोचना की थी। पर वे अपने विरोधियों को ज्यादा तरजीह नहीं देते हैं।

विश्वविद्यालय की अपनी शिक्षा के दौरान ही मोदी संघ के पूर्ण कालिक प्रचारक बन गए थे। बाद में उन्होंने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं को एक जुट किया था और शंकर सिंह वाघेला के साथ मिलकर गुजरात में भाजपा कार्यकर्ताओं का एक मजबूत आधार तैयार किया।

शुरुआती दिनों में जहां वाघेला को जनता का नेता माना जाता था वहीं मोदी की ख्याति एक कुशल रणनीतिकार की थी। अप्रैल 1990 में जहां पार्टी को केन्द्र में गठबंधन सरकार बनाने का मौका मिला।

केन्द्र में सरकार भले ही लम्बे समय तक नहीं चल सकी हो लेकिन 1995 में गुजरात में भाजपा ने दो तिहाई बहुमत हासिल किया। आडवाणी ने मोदी दो महत्वपूर्ण कामों की जिम्मेदारी सौंपी। एक थी कि सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा की तैयारी करना। इसी तरह का दूसरा मार्च कन्याकुमारी से कश्मीर तक के लिए रखा गया।

राज्य में शंकर सिंह वाघेला के पार्टी से निकल जाने के बाद केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया और नरेंद्र मोदी मोदी को पार्टी का महासचिव बनाकर नई दिल्ली भेज दिया गया। पर 2001 में पार्टी ने मोदी को केशूभाई का उत्तराधिकारी चुन लिया। मोदी ने चुनाव जीता और वे राज्य के मुख्यमंत्री बने रहे। तब उन्होंने राज्य की 182 विधान सभा सीटों में से पार्टी को 122 सीटों पर जीत दिलाई। तब से मोदी ही राज्य के मुख्य मंत्री बने हुए हैं।

गुजरात में 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में भी मोदी का ही जादू चला और वे अपनी पार्टी को सत्ता में बनाए रखने में कामयाब रहे। मणिनगर सीट से उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी श्वेता भट्‍ट (आईपीएस अधिकारी संजीव भट्‍ट की पत्नी) को 86 हजार से अधिक वोटों से हराया। राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर विदेशों से निवेश आकृष्ट करने के लिए मोदी चीन, सिंगापुर और जापान की यात्राएं कर चुके हैं।

Show comments

जरूर पढ़ें

Delhi : दिल्ली में CM के बंगले को लेकर फिर घमासान, AAP और कांग्रेस ने रेखा गुप्ता पर लगाए आरोप

पाकिस्तान ने दिखाया असली रंग, UNSC का अध्यक्ष बनते ही उठाया कश्मीर मुद्दा, चालबाजियों से कैसे निपटेगा भारत

ESIC की नियोक्ता और कर्मचारी पंजीकरण योजना शुरू, जानिए कब तक रहेगी लागू

Hero का सस्ता इलेक्ट्रिक स्कूटर Vida VX2 हुआ लॉन्च, जानिए कीमत और फीचर्स

क्या है केन्द्र सरकार की ELI Scheme, कैसे मिलेंगे आपको 15000 रुपए, क्या है पात्रता और शर्तें

सभी देखें

नवीनतम

Petrol Diesel Prices : कच्‍चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बाद पेट्रोल डीजल के ताजा दाम जारी, जानें आपके नगर में क्या हैं भाव

आदित्य ठाकरे को बड़ी राहत, दिशा सालियान मामले में मिली क्लीनचिट

LIVE: आदित्य ठाकरे को बड़ी राहत, दिशा सालियान मामले में क्लीनचिट

अमरनाथ यात्रा शुरू, बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से पहला जत्था रवाना

ऑपरेशन सिंदूर के उद्देश्य पर अमेरिका में क्या बोले विदेश मंत्री जयशंकर?