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सिराव : डरपोक लेकिन खतरनाक

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मध्य और पूर्व एशिया में पाया जाने वाला प्राणी सिराव बकरे और हिरण से मिलता-जुलता जीव है। आम बनावट में वह घुएड़ ( Goral) से मिलता-जुलता जानवर है। इसकी थूथन पर बाल नहीं होते और पूंछ छोटी होती है। इसका माथा सींगों के पीछे के भाग में एकदम मिल जाता है।

इसकी 6 प्रजातियां हैं- जापानी सिराव, ताइवानी सिराव, सुमात्रा सिराव, चीनी सिराव, लाल सिराव और हिमालयन सिराव।

12 हजार फुट की ऊंचाई पर बसेरा
भारत में पाया जाने वाला हिमालयन सिराव लगभग 6 से 12 हजार फुट की ऊंचाई पर मिलता है। घुएड़ से सिराव बहुत बड़ा और भारी होता है। सिराव के सींगों की लंबाई 9 से 10 इंच तक होती है। दिखने में यह बहुत सुंदर नहीं होता। इसके बाल पतले और क़डे होते हैं तथा कान बड़े-बड़े होते हैं। मादा के सींग नर की अपेक्षा छोटे होते हैं। स्वभाव से सिराव बड़ी आड़ी-तिरछी चाल वाला होता है, परंतु ऊंची-नीची चढ़ाई और उतार के क्षेत्र में वह तेजी से दौड़ सकता है।

डरपोक, लेकिन खतरनाक
यह एकाकी जानवर है। किसी पहाड़ी पर 3-4 जानवर हैं तो किसी पर 4-5 ही रहते हैं। सबसे अधिक आनंद इसे तेज उतार की पहाड़ियों में आता है, जहां ऊंची चट्टानें होती हैं। स्वभाव से यह डरपोक और सीधा जानवर है, परंतु घायल होने पर बहुत आक्रामक हो जाता है और बुरी तरह हमला करता है। यदि हमले में एक सिराव मारा जाता है तो उसका साथी बहुत भयंकर हमला करता है। आक्रमण होने पर यह घोड़े जैसा चीखता है और जंगली कुत्तों का डटकर मुकाबला करता है।

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