Biodata Maker

ग़ालिब का ख़त-42

Webdunia
यूसुफ़ मिर्जा़,

WDWD
मेरा हाल सिवाय मेरे ख़ुदा और ख़ुदाबंद के कोई नहीं जानता। आदमी कसरत-ए-ग़म से सौदाई हो जाते हैं, अक़्‍ल जाती रहती है। अगर इस हजूम-ए-ग़म में मेरी कुव्वत मुतफ़क्रा में फ़र्क आ गया हो तो क्या अजब है? बल्कि इसका बावर न करना ग़ज़ब है। पूछो कि ग़म क्या है?

ग़म-ए-मर्ग, ग़म-ए-‍फ़िराक़, ग़म-ए-रिज़्क, ग़म-ए-इज्ज़त? ग़म-ए-मर्ग में क़िलआ़ नामुबारक से क़ताअ़ नज़र करके, अहल-ए-शहर को गिनता हूँ। मुज़फ़्फ़रुद्दौला, मीर नसरुद्दीन, मिर्जा़ आ़शूर बेग मेरा भाजना, उसका बेटा अहमद मिर्जा़ उनईनस बरस का बच्चा, मु्स्तफ़ा ख़ाँ, क़ाज़ी फ़ैज़ उल्ला, क्या मैं उनको अपने अज़ीज़ों के बराबर नहीं जानता। ए लो, भूल गया। हकीम रज़ीउद्दीन ख़ाँ, मीर अहमद हुसैन मैकश! अल्ला-अल्ला उनको कहाँ से लाऊँ? ग़म-ए-फ़िराक़, हुसैन मिर्जा़, यूसुफ़ मिर्जा़, मीर मेहदी, मीर सरफ़राज हुसैन, मीरन साहिब, ख़ुदा इनको जीता रखे।

काश, यह होता कि जहाँ होते, वहाँ खुश होते। घर उनके बेचिराग़, वह खुद आवारा। सज्जाद और अकबर के हाल तक जब तसव्वुर करता हूँ, कलेजा टुकड़े-टुकड़े होता है। कहने को हर कोई ऐसा कह सकता है़, मगर मैं अ़ली को गवाह करके कहता हूँ कि उन अमावत के ग़म में और ज़ंदों के ‍फ़िराक़ में आ़लम मेरी नज़र में तीर-ओ-तार है। हक़ीक़ी मेरा एक भाई दीवाना मर गया। उसकी बेटी, उसके चार बच्चे, उनकी माँ, यानी मेरी भावज जयपुर में पड़े हुए हैं। इन तीन बरस में एक रुपया उनको नहीं भेजा। भतीजी क्या कहती होगी कि मेरा भी कोई चच्चा है। यहाँ अग़निया और उमरा के अज़दवाज व औलाद भीख माँगते फिरें और मैं देखूँ।

इस मुसीबत की ताब लाने को जिगर चाहिए। अब ख़ास दुख रोता हूँ। एक बीवी, दो बच्चे, तीन-चार आदमी घर के, कल्लू, कल्यान, अय्याज़ ये बाहर। मदारी के जोरू-बच्चे बदस्तूर, गोया मदारी मौजूद है। मियाँ घम्मन गए गए महीना भर से आ गए कि भूखा मरता हूँ। अच्छा भाई, तुम भी रहो। एक पैसे की आमद नहीं। बीस आदमी रोटी खाने वाले मौजूद। मेहनत वह है कि दिन-रात में फुर्सत काम से कम होती है। हमेशा एक फिक्र बराबर चली जाती है। आदमी हूँ, देव नहीं, भूत नहीं।

इन रंजों का तहम्मुल क्योंकर करूँ? बुढ़ापा, जोफ़-ए-क़वा, अब मुझे देखो तो जानो कि मेरा क्या रंग है। शायद कोई दो-चार घड़ी बैठता हूँ, वरना पड़ा रहता हूँ, गोया साहिब-ए-फ़राश हूँ, न कहीं जाने का ठिकाना, न कोई मेरे पास आने वाला। वह अ़र्क जो ब-क़द्र-ए-ताक़त, बनाए रखता था, अब मुयस्सर नहीं।

सबसे बढ़कर, आमद आमद-ए-गवर्नमेंट का हंगामा है। दरबार में जाता था, ख़लह-ए-फ़ाख़िरा पाता था। वह सूरत अब नज़र नहीं आती। न मक़बूल हूँ, न मरदूद हूँ, न बेगुनाह हूँ, न गुनहगार हूँ, न मुख़बिर, न मुफ़सिद, भला अब तुम ही कहो कि अगर यहाँ दरबार हुआ और मैं बुलाया जाऊँ त नज़र कहाँ से लाऊँ। दो महीने दिन-रात खन-ए-जिगर खाया और एक क़सीदा चौंसठ बैत का लिखा। मुहम्मद फ़ज़ल मुसव्विर को दे दिया, वह पहली दिसंबर को मुझे दे देगा।

  मियाँ, हम तुम्हें एक और ख़बर लिखते हैं, ब्रह्मा का पुत्र दो दिन बीमार पड़ा, तीसरे दिन मर गया। हाय, हाय क्या नेक बख़्त गरीब लड़का था। बाप उसका शिवजी राम, उसके ग़म में मुर्दे से बदतर है।      
मियाँ, हम तुम्हें एक और ख़बर लिखते हैं, ब्रह्मा का पुत्र दो दिन बीमार पड़ा, तीसरे दिन मर गया। हाय, हाय क्या नेक बख़्त गरीब लड़का था। बाप उसका शिवजी राम, उसके ग़म में मुर्दे से बदतर है। यह दो मुसाहिब मेरे यूँ गए, एक मुर्दा, एक दिल अफ़सुर्दा कौन है जिसको तुम्हारा सलाम कहूँ? यह ख़त अपने मामू साहब को पढ़ा देना और फ़र्द उनसे लेकर पढ़ लेना और जिस तरह उनकी राय में आए, उस पर हसूल-ए-मतलिब की बिना उठाना, और इन सब मदारिज का जवाब शिताब लिखना। जि़याउद्दीन ख़ाँ रोहतक चले गए और वह काम न कर गए।

देखिए, आकर क्या कहते हैं। या रात को आ गए हों या शाम तक आ जाएँ। क्या करूँ? किसके दिल में अपना दिल डालूँ? ब मुर्तज़ा अली। पहले से नीयत में यह है कि जो शाह-ए-अवध से हाथ आए, हिस्सा ब्रादराना करूँ-निस्फ़ : हुसैन मिर्जा़ और तुम सज्ज़ाद, निस्फ़ : में मुफ़लिसों का मदार-ए-हयात ख़यालात पर है। मगर उसी ख़यालात से उनका हुस्न-ए-तबीत मालूम हो जाता है।

Show comments

Kids Winter Care: सर्दी में कैसे रखें छोटे बच्चों का खयाल, जानें विंटर हेल्थ टिप्स

Winter Health Tips: सर्दियों में रखना है सेहत का ध्यान तो खाएं ये 5 चीजें

Sixty Plus Life: 60 साल की उम्र में BP बढ़ने पर हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी का खतरा सबसे ज्यादा, जानें कैसे बचें?

Winter Recpe: सर्दियों में रहना है हेल्दी तो बनाएं ओट्स और मखाने की स्वादिष्ट चिक्की, मिलेंगे कई सेहत फायदे

Winter Superfood: सर्दी का सुपरफूड: सरसों का साग और मक्के की रोटी, जानें 7 सेहत के फायदे

Traditional Punjabi Recipe: कैसे बनाएं पारंपरिक पंजाबी भोजन सरसों का साग और मक्के की रोटी

Health Benefits of Roasted Potatoes : भुने आलू खाने से हेल्थ को मिलते हैं ये 6 सेहतमंद फायदे

Maharaja Chhatrasal: बुंदेलखंड के महान योद्धा, महाराजा छत्रसाल, जानें उनसे जुड़ी 10 अनसुनी बातें

Armed Forces Flag Day 2025: सेना झंडा दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें इतिहास, महत्व और उद्देश्य

Ambedkar philosophy: दार्शनिक और प्रसिद्ध समाज सुधारक डॉ. बी.आर. अंबेडकर के 10 प्रेरक विचार