सकारात्मक ऊर्जा से बने रहें युवा

जियो जी भर के खूबसूरत जिन्दगी को

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दीर्घायु, रोग मुक्त तथा स्वस्थ्य जीवन के लिए पौष्टिक एवं सात्विक भोजन अनिवार्य है। यही रोग मुक्त स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु का रहस्य है। आहार के रहस्य के पश्चात मनुष्य के मानसिक तनाव को दूर कर पॉजिटीव एनर्जी ग्रहण करना लंबी उम्र के लिए अत्यंत अनिवार्य है। मानसिक तनाव को दूर करने के लिए निम्न प्रक्रिया अपनाना आवश्यक है।

* मनुष्य एकांत में आरामदायक स्थिति में एवं शांत भाव से बैठकर धीरे-धीरे साँस ले और महसूस करे कि दिमाग से सभी चिंताएँ दूर हो रही हैं।

* आरामदायक स्थिति में बैठकर पैरों को आगे की और फैलाएँ तथा पैर के अँगूठों को धीरे-धीरे उठाएँ और उठी हुई स्थिति में उन्हें पकड़ें। इस स्थिति में तब तक रहें जब तक कि पैरों एवं टाँगों के निचले हिस्से में तथा जाँघों में और अंत में पूरे शरीर की मसल्स में तनाव न महसूस होने लगे। यह क्रिया एक से दो मिनट तक करना चाहिए।

* तनाव के बाद अँगूठों को धीरे-धीरे आरामदायक स्थिति में लाएँ और कल्पना करें कि अब मैं पूर्णतः स्वस्थ हूँ मेरे शरीर में कोई भी दर्द, विकार अथवा थकावट नहीं है।

* जब पूरा शरीर थकावटरहित हो जाए तो कल्पना करें कि पैरों से लेकर सिर तक अंग प्रत्यंग में नई स्फूर्ति एवं जोश का संचार हो रहा है। इसके साथ ही यह भी महसूस करें कि शक्ति आपके अँगूठों से प्रवेश करके पूरे शरीर में फैलती जा रही है।

* अपने दिमाग से बुढ़ापे के लक्षणों को धो-डालें और स्वयं को युवा महसूस करें।

* संपूर्ण थकावट दूर होने पर महसूस करें- मैं निगेटिव स्ट्रेस से पूरी तरह दूर हूँ और मुझमें पॉजिटीव शक्ति पूरी तरह आ चुकी है।

याद रखिए पॉजिटीव सोच मन मस्तिष्क को शांत कर शरीर में जवानी का संचार करती है। वहीं निगेटिव सोच बुढ़ापे की प्रक्रिया को तेज करती है और जिंदगी को घटाती है।

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