चलो देखें..

- दिनेश सिंह

Webdunia
ND
चलो देखें,
खिड़कियों से
झाँकती है धूप
उठ जाएँ।

सुबह की ताजी हवा में
हम नदी के साथ

थोड़ा घूम-फिर आएँ!
चलो, देखें,
रात-भर में ओस ने
किस तरह से
आत्म मोती-सा रचा होगा!
फिर जरा-सी आहटों में
बिखर जाने पर,
दूब की उन फुनगियों पर
क्या बचा होगा?

चलो
चलकर रास्ते में पड़े
अंधे कूप में पत्थर गिराएँ,
रोशनी न सही, तो आवाज ही पैदा करें,
कुछ तो जगाएँ!

एक जंगल
अंधरे का-रोशनी का
हर सुबह के वास्ते जंगल।
कल जहाँ पर जल भरा था
अंधेरों में
धूप आने पर वहीं दलदल!

चलो,
जंगल में कि दलदल में,
भटकती चीख को टेरें, बुलाएँ,
पाँव के नीचे,
खिसकती रेत को छेड़ें,
वहीं पगचिह्न अपने छोड़ आएँ।
Show comments

चेहरे को हफ्ते में कितनी बार स्क्रब करना होता है सेफ? जानें स्क्रब करने का सही तरीका

डेट पर जमाना है अपना इम्प्रेशन तो ये 5 Casual Trouser करें ट्राई

महेंद्र सिंह धोनी का ये 1 घंटे वाला फिटनेस मंत्र दे सकता है आपको Workout Motivation

जज्बे को सलाम! बीमारी के बाद काटने पड़े हाथ-पांव, फिर भी संसद पहुंचे, लड़ना चाहते हैं चुनाव

पुरुष गर्मी में चेहरे को तरोताज़ा रखने के लिए ट्राई करें ये 4 आसान फेस पैक

चेहरे पर चमक लाने के लिए करें ये 5 योगासन, जानें सुंदर और स्वस्थ त्वचा का राज

क्या है Laughter Yoga Therapy? मिनटों में दूर होगा स्ट्रेस

पुरुषों के लिए बहुत फायदेमंद है जिनसेंग का सेवन, जानें 10 फायदे

पुरुष Intimate Hygiene के लिए फॉलो करें ये 5 टिप्स, नहीं होगा कोई संक्रमण

10 दिन के अंदर काटते रहें बच्चे के नाखून वरना हो सकते हैं ये 5 नुकसान