कड़वा किन्तु कमाल का करेला

औषधीय गुणों का भंडार करेला

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करेला मनुष्य के लिए परम हितकारी और औषधीय गुणों का भंडार है। यह भूख को बढ़ाकर हमारी पाचन शक्ति सुधारता है। यह पचने में हल्का है। शीतल होने के कारण गर्मी से उत्पन्न विकारों पर शीघ्र लाभ करता है। करेला बुखार, खाँसी, त्वचा के विकार, एनीमिया, प्रमेह तथा पेट के कीड़ों का नाशक है।

करेले के कुछ औषधीय उपयोग इस प्रकार हैं :

* करेले के तीन बीज और तीन कालीमिर्च को पत्थर पर पानी के साथ घिसकर बच्चों को पिलाने से उल्टी-दस्त बंद होते हैं।

* करेले के पत्तों को सेंककर सेंधा नमक मिलाकर खाने से अम्लपित्त के रोगियों को भोजन से पहले होने वाली उल्टी बंद होती है।

* इसके फल या पत्ते का रस एक चम्मच शकर मिलाकर पिलाने से खूनी बवासीर में बड़ा लाभ होता है।

* करेले के टुकड़ों को छाया में सुखाकर, पीसकर महीन चूर्ण बना लें। छः ग्राम चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह के रोगी को लाभ मिलेगा।

* करेले के पत्तों के रस पचास मि.ली. में थोड़ी-सी हींग मिलाकर पिलाने से पेशाब खुलकर आता है।

* इसके पत्तों को पत्थर पर घिसकर चटनी जैसा बनाकर लेप लगाने से त्वचा के रोग मिटते हैं और इसी लेप से, आग से जल जाने पर उत्पन्न व्रण भी ठीक हो जाते हैं।

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