मसखरे नेता लालू यादव

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रेलवे को नुकसान से लाभ में लाने का करिश्मा दिखाने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालूप्रसाद यादव की छवि एक ऐसे मसखरेबाज नेता की है जो अपनी जड़ों से गहरे तक जुड़ा है और जिसे लोगों के साथ सीधा संवाद कायम करने में कोई परेशानी नहीं होती।

वे इस बार बिहार के सारण और पा‍टलीपुत्र चुनाव क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं। टीवी पर पत्रकारों से बात करते समय वे इस बात को भी कह चुके हैं कि उनकी भी देश का प्रधानमंत्री बनने की इच्छा है। उन्हें भरोसा है कि वे कभी न कभी प्रधानमंत्री बन भी सकते हैं।

पाँच रेल बजट पेश कर चुके लालू ने इस वर्ष रेलवे को 96 हजार करोड़ रुपए का लाभ अर्जित‍ करने में अहम भूमिका निभाई है। नौ बच्चों के पिता और जयप्रकाश नारायण के समय से छात्र राजनीति में उतरे लालूप्रसाद बीए, एलएलबी हैं। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि बहुत ही साधारण रही है।

चौदहवीं लोकसभा के लिए वे छपरा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे। मुख्य रूप से बिहार में केन्द्रित राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वे अध्‍यक्ष हैं। 11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज जिले में जन्मे लालू 1977 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे।

मार्च 1990 से जुलाई 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे, प्रसाद पिछली बार लोकसभा के लिए चौथी बार चुने गए थे। इस बार उन्होंने मुलायम और रामविलास पासवान के साथ मिलकर एक नया गठबंधन बना लिया है, जिसे आगामी लोकसभा में निर्णायक भूमिका के रूप में देखा जा रहा है।

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