सबसे पुरानी ‘शादी’ टूटने की कगार पर

Webdunia
रविवार, 10 जून 2012 (13:50 IST)
एक शतक से अधिक का समय यानी पूरे 115 साल की लंबी अवधि के बाद यूरोपीय चिड़ियाघर के दो कछुए अब एक-दूसरे के साथ एक ही पिजड़े में जीवन गुजारना नहीं चाहते। उन दोनों के इस अलगाव के बाद दुनिया में प्राणियों की सबसे पुरानी ‘शादी’ टूटने की कगार पर है।

बीबी और पोल्डी नामक ये दोनों कछुए तब से एक साथ थे, जबकि आज जिंदा कोई इंसान पैदा भी नहीं हुआ होगा। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार ये दोनों ऑस्ट्रिया के चिड़ियाघर में पूरे 36 साल तक साथ रहे हैं। इससे पहले वे स्विट्‍जरलैंड के बसेल चिड़ियाघर में साथ थे।

ये दोनों ही 115 साल के हैं। यह जोड़ा एक साथ ही पला-बढ़ा है, लेकिन इन दोनों के बीच के अलगाव ने चिड़ियाघर के अधिकारियों को चकराकर रख दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह झगड़ा मादा कछुआ बीबी ने शुरू किया था।

एक रिपोर्ट के मुताबिक चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने पाया कि बीबी ने पोल्डी पर हमला करके उसके ऊपरी खोल का एक टुकड़ा काट लिया था। इस हमले से कर्मचारी समझ गए कि सबकुछ ठीक नहीं है। बीबी ने साथी पोल्डी पर तब तक हमले जारी रखे, जब तक कि पोल्डी को दूसरी जगह नहीं ले जाया गया।

चिड़ियाघर के प्रमुख हेल्गा हैप्प कहते हैं कि हम कर्मचारियों से बात कर रहे हैं और हमारी कोशिश है कि दोनों में बात बन जाएगी। हमें उम्मीद है कि दोनों में दोस्ती फिर से कायम हो सकेगी। (भाषा)

Show comments

जरूर पढ़ें

CJI चंद्रचूड़ की टिप्पणी पर SC जजों ने जताई आपत्ति, जानिए क्या कहा

सावधान! नए रैपर में एक्सपायरी दवाएं तो नही खा रहे आप

उमर अब्दुल्ला को याद आए अटल जी, हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं

INDIA की 7 गारंटी, 10 लाख नौकरियां, 450 रुपए में गैस सिलेंडर

रायबरेली में राहुल गांधी, कहा- जब भी यहां आता हूं, रिश्ता और गहरा हो जाता है

सभी देखें

नवीनतम

मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग से प्रोफेशनल डिग्री पा सकते हैं छात्र

सैनिकों के पीछे हटने के बाद अब भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता

2024 US Elections: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग, किसका पलड़ा भारी

डबल इंजन की सरकारें छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश को तेजी से लेकर जा रही विकास की राह पर: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मजबूत हुई अयोध्या की अर्थव्यवस्था