दर्शन की रीत

Webdunia
पुरुषों को भगवान की दाहिनी तरफ एवं स्त्रियों को भगवान की बायीं तरफ खड़े रहकर दर्शन करना चाहिए।

फिर मूल गर्भगृह (गभारे) के सामने, परमात्मा की प्रतिमा जहाँ पर हो, वहाँ खड़े रहकर दर्शन करना चाहिए।

बीचोंबीच खड़े रहकर दर्शन करने से पीछे से दर्शन-चैत्यवंदन करने वालों को बाधा पहुँचती है। अतः बाजू में खड़े रहकर दर्शन करें।

परमात्मा को तीन बार प्रणाम करें, सिर झुकाकर, सीना झुकाकर एवं कमर से झुकते हुए प्रणाम करें।

प्रणाम करते वक्त दोनों हथेलियों की खड़ी उँगलियों को आपस में खड़ी मिलाकर, अंजलि रचाकर, ललाट पर रखकर सिर झुकाएँ।

फिर भाव-विभोर बनकर प्रार्थना गाएँ/स्तुति करें :-

दर्शनं देवदेस्य, दर्शनं पाप नाशनं ।
दर्शनं स्वर्ग सोपानं, दर्शनं मोक्ष साधनं ॥
दयासिन्धु दयासिन्धु दया करना दया करना ।
मुझे कर्मों के बंधन से प्रभु जल्दी जुदा करना ।
मुझे गर पंख मिल जाए तो मैं तेरे पास आ जाऊँ ।
मुझे महावीर प्यारे हो, मैं तेरे में समा जाऊँ ।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

महाशिवरात्रि विशेष : शिव पूजा विधि, जानें 16 चरणों में

Mahashivratri 2025 Date: महाशिवरात्रि कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

महाकुंभ में न जाकर भी कैसे पुण्य कमा रहे हैं अनंत अंबानी, जानिए क्या है पूरी कहानी

Vastu Tips: घर के वास्तु का जीवन पर प्रभाव पड़ता है या नहीं?

Weekly Horoscope: 03 से 09 फरवरी में किन राशियों का होगा भाग्योदय, पढ़ें पहले सप्ताह का साप्ताहिक राशिफल

सभी देखें

धर्म संसार

भीष्म अष्टमी की पौराणिक कथा

गुप्त नवरात्रि में देवी बगलामुखी का कैसे करें पूजन, जानें मां का स्वरूप, महत्व, कथा और विधि

प्रयागराज कुंभ मेले में स्नान करने जा रहे हैं तो इन 5 जगहों के दर्शन अवश्य करें

Aaj Ka Rashifal: 05 फरवरी का दिन क्या खास लाया है सभी के लिए, पढ़ें 12 राशियां

05 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन