दीपोत्सव पर अनेक मंगलकामनाएँ

Webdunia
प्यारे भैया-बहनों!

दीपोत्सव पर अनेक मंगलकामनाएँ
दीपोत्सव हमारे लिए केवल प्रकाश पर्व ही नहीं है एक ऐसा पावन दिन भी है। जिस दिन अनेक 'आत्मदीप' अपनी ज्योति से दुनिया को जगमगाकर महाप्रकाश में विलीन हो गए।

महावीर स्वामी, दयानंद सरस्वती और स्वामी रामतीर्थ ऐसी ही विभूतियों में से हैं। वे शायद उस दीपक के वंशज थे जिसने सूर्य के अभाव में भी अंधकार से लड़ने का बीड़ा उठाया था। वह अपनी मर्यादाएँ जानता था। फिर भी अंधकार की चुनौती उसने स्वीकार की थी।

समय और परिस्थितियों की चुनौ‍ती स्वीकार सब नहीं करते। जिन्हें अपनी धरोहर पर अडिग विश्वास होता है उन्हें ऐसी चुनौती स्वीकार करने में समय नहीं लगता। सौभाग्य से हम ऐसी परंपरा के धनी हैं।

अपनी जीवन ज्योति से ही प्रकाश बिखेरने वाले नहीं तो अपना जीवन दीप बुझाकर भी प्रकाश देने वाल े श्रेष्ठ नर-वीरों की एक लंबी मालिका है हमारे देश मे ं दीपों की जगमगाहट में, आतिशबाजी के शोरगुल में तथा लक्ष्मी और सरस्वती की आराधना के क्षणों में हम एक क्षण ऐसा भी निकालें जब इन नर-पुंजों का स्मरण हो सके ।

आपका बड़ा भैया
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

रसोई की इन 7 चीजों में छुपा है आपका स्किन ब्राइटनिंग सीक्रेट, तुरंत जानें इनके बेहतरीन फायदे

Health Alert : कहीं सेहत के लिए हानिकारक तो नहीं है सहजन की फली?

सॉफ्ट आटा गूंथने के 4 सही तरीके, रोटियां बनेंगी फूली हुई और मुलायम

आपके घर के किचन में छुपा है आयल फ्री त्वचा का राज, जानिए ये होममेड क्लींजर बनाने का तरीका

ऑफिस में बनाना चाहते हैं बढ़िया इमेज तो भूलकर भी ना करें ये गलतियां

सभी देखें

नवीनतम

इस विंटर सीजन अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए ये 10 ब्यूटी टिप्स जरूर करें फॉलो

एक हफ्ते में कम करना चाहते हैं वजन तो ये डिटॉक्स डाइट अपनाएं, तुरंत दिखेगा असर

बदलते मौसम में एलर्जी की समस्या से हैं परेशान? राहत के लिए अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपाय

ठंड के सीजन में फटने लगी है त्वचा? तो अपनाएं सबसे असरदार और नैचुरल उपाय

भारतीय लोगों पेट के आस-पास चर्बी क्यों जमा हो जाती है? जानें कारण और समाधान