गिलहरी

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गिलहरी सामान्यतः पूरे भारतवर्ष में पाई जाती है। ये तीन और पाँच धारियों वाली होती है। पाँच धारियों वाली गिलहरी प्रायः सभी जगह मिल जाती है। इनकी पूँछ पर छोटे-छोटे घने बाल होते हैं। यह बहुत पारिवारिक होती है। यह बस्तियों या खेतों के आसपास रहती है।

आमतौर पर गिलहरी बगीचों, घरों के छज्जों तले या पेड़ों पर बिल बनाकर रहती है। यह जमीन पर भी चल सकती है और उतनी ही आसानी से पेड़ों पर भी दौड़ सकती है। गिलहरी लंबे-सीधे पेड़ व खड़ी दीवारों पर भी आसानी से चढ़ जाती है। इसके पैरों में छोटे, बारीक नाखून होते हैं, जिनके सहारे यह सतह को आसानी को पकड़ लेती है।

गिलहरी देखने में आकर्षक होती है और यह छोटी व पीठ पर धारियाँ लिए हल्के स्लेटी, सफेद रंग की होती है। यह प्रायः छोटे समूहों में ही पाई जाती है। गिलहरी अपना भोजन खोजने के लिए खेत, घर या मैदान में आ जाती है, परंतु जरा सा खतरा महसूस होने पर पेड़ पर चढ़ जाती है।

यह आम, अमरूद और अन्य फल बड़े चाव से खाती है। गिलहरी को घरों में पालतू भी बनाया जा सकता है। इसकी लंबाई 13 से 15 से.मी. होती है। किसी तरह का खतरा होने पर यह विशेष तरह की आवाज निकाल कर सबको आगाह कर देती है।

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