घट सकती हैं इस्पात की कीमतें

Webdunia
सोमवार, 31 मई 2010 (18:15 IST)
यूरोपीय संकट के चलते वैश्विक बाजारों में नरमी और मानसून से पहले माँग धीमी रहने से अगले एक महीने में इस्पात की कीमतें 1000 रुपए प्रति टन तक घट सकती हैं।

यहाँ एक सम्मेलन के दौरान इस्पात सचिव अतुल चतुर्वेदी ने बताया, 'यूरोपीय संकट और मानसून से पहले माँग घटने से अगले महीने इस्पात की कीमतें 1000 रुपए प्रति टन तक नरम हो सकती हैं।' अप्रैल से अब तक लांग इस्पात उत्पादों की कीमतें पहले ही 5000 रुपए प्रति टन तक नीचे आ चुकी हैं। लांग इस्पात उत्पादों का इस्तेमाल ढाँचागत एवं निर्माण क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किया जाता है।

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यूरोप में संकट से अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस्पात की कीमतें बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं जिससे घरेलू बाजार में कीमतों में नरमी आएगी।

यद्यपि इस्पात की कीमतें 32000 से 47000 रुपए प्रति टन के दायरे में हैं, लेकिन अब भी ये पिछले साल के मुकाबले करीब 30 प्रतिशत अधिक हैं।

इस्पात विनिर्माण के लिए प्रमुख कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल में आने वाले लौह अयस्क एवं कोकिंग कोयले की कीमतों में 90 प्रतिशत तक की तेजी के चलते इस्पात की कीमतों में तेजी आई थी। (भाषा)
Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Rate : सोना हुआ रिकॉर्ड तोड़ महंगा, कीमत 85,000 के पार, चांदी के दाम भी बढ़े

पैसा लो और स्वीडन से जाओ, प्रवासियों को दिए जाएंगे 34000 डॉलर

महाकुम्भ में अघोरी बाबा को मिली रशियन, अनोखी प्रेम कहानी को देख क्या कह रहे हैं लोग

Maha Kumbh 2025 : भगदड़ में हजारों लोग मारे गए, डेड बॉडी पानी में डाल दी, क्या महाकुंभ का सच छुपा रही है सरकार

ग्लोबल फायर इंडेक्स की लिस्ट जारी, पाकिस्तान को बड़ा झटका, जानिए कहां है भारत?

सभी देखें

नवीनतम

J&K में आतंकी हमला, पूर्व सैन्यकर्मी की मौत, पत्नी समेत 2 लोग घायल

दिल्ली में थम गया चुनाव प्रचार, 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को तय होगा कुर्सी किसकी

ट्रंप ने मैक्सिको पर आयात शुल्क वृद्धि को 1 माह रोका, कनाडा और चीन को राहत नहीं

MP : अंतिम संस्कार को लेकर भाइयों में विवाद, पिता के शव का आधा हिस्सा मांगा

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों से मुठभेड़, 8 लाख का इनामी नक्सली ढेर