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कितने साल की कैद होगी राजू को?

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- वेबदुनिया डेस् क

कंपनी कानून के जानकारों का मानना है कि सत्यम कम्प्यूटर्स के पूर्व प्रमुख बी. रामलिंगा राजू को कंपनी मामलों के कदाचार, गलत जानकारी देने और आपराधिक साजिश रचने के मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 10 साल और कम से कम 7 की सजा और 24 करोड़ रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

इतना ही नहीं, अमेरिका में रह रहे कंपनी के कुछ स्वतंत्र निदेशकों को भी कैद और जुर्माना भरने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है। इन निदेशकों की सजा का आधार केवल यह नहीं होगा कि वे इस फ्रॉड के बारे में जानते थे या नहीं बल्कि ये निदेशक अपने कर्त्तव्य को सही तरीके से पूरा करने में असफल रहे।

बी. रामलिंगा राजू को सत्यम को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराने के कारण अमेरिकी कानूनों के तहत 24 साल की कैद और अरबों डॉलर के जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है।

राजू और उनके सहयोगी लोगों पर सिक्योरिटीज एक्सचेंज एक्ट 1934 के सेक्शन 10 (बी) का जनरल एंटी फ्रॉड प्रोविजन और नियम 10 बी-5 के तहत कार्रवाई हो सकती है। इन कानूनों के तहत जारी करने वाले (प्रमोटर) साथ ही उसके अधिकारियों और निदेशकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

वे कहते हैं कि राजू के खिलाफ कोई भी कदम अमेरिका में उनके खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों और दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के नियमों पर भी निर्भर करेंगे, हालाँकि कुछ जानकारों का कहना है कि अमेरिका को राजू के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत सरकार की ओर से स्व‍ीकृति की जरूरत नहीं पड़ेगी।

भारत में राजू और उनके साथियों को कंपनी एक्ट, सेबी एक्ट और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट एक्ट (एससीआरए) के तहत क्रिमिनल कानूनों का सामना करना पड़ सकता है। इंडियन पीनल कोड के तहत किसी भी आरोपी व्यक्ति को कस्टडी में लिया जा सकता है ताकि आरोपी सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ न कर सके।

धोखाधड़ी के लिए उत्तरदायी कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न विभागों के कानूनों के तहत कार्रवाई हो सकती है। सबसे तेज कदम कंपनी मामलों के विभाग की ओर से हो सकता है। इसके साथ ही सेबी भी तेजी से कदम उठा सकती है।

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