'केरल एक्सप्रेस' का जलवा

Webdunia
रविवार, 14 दिसंबर 2008 (20:01 IST)
चोटों के कारण लगभग छह महीने से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहे तेज गेंदबाज एस. श्रीसंथ की लोकप्रियता का जलवा टीम इंडिया के धुरंधर कप्तान महेंद्रसिंह धोनी के गृह राज्य में आज कल ऐसा सिर चढ़कर बोल रहा है कि केरल के खिलाफ यहाँ कीनन स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी का लीग मैच खेल रही झारखंड की टीम अपने 'घर' में ही बेगानी लगने लगी है।

अपनी तेज रफ्तार गेंदों के कारण 'केरल एक्सप्रेस' के उपनाम से मशहूर श्रीसंथ को मैच के पहले दिन शुक्रवार को झारखंड के चार विकेट चटकाने पर स्थानीय दर्शकों से जबरदस्त वाहवाही मिली। दर्शकों की भीड़ ने अपनी ही टीम के खिलाफ गेंदबाजी कर रहे श्रीसंथ की जबरदस्त हौसला अफजाई की1

श्रीसंथ को शाबासी दे रहे एक स्थानीय दर्शक की यह टिप्पणी कि उसकी गेंदबाजी के दौरान झारखंड के बल्लेबाजों को भ्रम हो जाता होगा कि वे अपने गृहराज्य में खेल रहे हैं अथवा बाह केरल एक्सप्रेस की दर्शकों के बीच लोकप्रियता को दर्शाता है।

खेल के अलावा अन्य कारणों से भी चर्चा में रहने वाले बेबाक श्रीसंथ की लोकप्रियता का आलम यह है कि मैच के दूसरे दिन शनिवार अधिकांश समय केरल की बल्लेबाजी के कारण उनके मैदान में नहीं रहने से दर्शकों की भीड़ भी पहले दिन से काफी कम हो गई और जो दर्शक थे वे भी उनकी एक झलक पाने के लिए मैच से अधिक पैवेलियन की ओर ही निगाहें जमाए हुए थे1 स्थानीय मीडिया में भी श्रीसंथ से जुडी छोटी-बड़ी खबरों का ही बोलबाला है।

इतना हीं नहीं यहाँ मैदान के बाहर भी इस 'फायरब्रांड' गेंदबाज की जबरदस्त लोकप्रियता साफ तौर पर दिखाई पड़ती है। भारतीय टीम से बाहर होने के बावजूद श्रीसंथ से ऑटोग्राफ लेने वालों का ताँता नहीं टूटता और अपनी तुनकमिजाजी के लिए बदनाम श्रीसंथ बिना उत्तेजित हुए एक बार में पचासों प्रशंसकों को हँसते हुए ऑटोग्राफ दे देते हैं1 अपने खास अंदाज में वे प्रशंसकों से हर बार टीम इंडिया में वापसी के लिए 'दुआ' भी माँगने को कहते हैं।

इस चारदिवसीय मैच में खेल कर अपने फिटनेस की परीक्षा करने के लिए 11 दिसंबर को यहाँ पहुँचे श्रीसंथ शुरू से ही जिस तरह प्रशंसकों की भारी भीड से घिर जा रहे हैं उसको लेकर भी वह काफी उत्साहित भी हैं। इसी के चलते क्रिकेट पर आधारित अपने एक विशेष होटल 'बैट एंड बॉल इन' की एक शाखा यहां खोलने पर भी विचार कर रहे हैं। श्रीसंथ ने कहा कि वह इसके लिए यहाँ उपयुक्त जगह ढूँढ रहे हैं।

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?