विश्व कप में खेलना चाहते हैं मुरली

Webdunia
शुक्रवार, 9 जुलाई 2010 (07:58 IST)
भारत के खिलाफ गाले में पहले टेस्ट मैच के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करने वाले श्रीलंकाई स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने कहा कि यदि टीम चाहेगी तो वह 2011 में उपमहाद्वीप में होने वाले विश्व कप में खेलना चाहेंगे।

मुरलीधरन ने घोषणा की है कि वह भारत के खिलाफ गाले में 18 जुलाई से होने वाले पहले टेस्ट मैच के बाद लंबी अवधि के मैचों से संन्यास ले लेंगे लेकिन वह विश्व कप में खेलना चाहते हैं।

दुनिया में सर्वाधिक विकेट लेने वाले इस स्पिनर ने कहा कि मुझे खुशी होगी यदि युवा खिलाड़ी विश्व कप के लिए तैयार हों और श्रीलंका के लिए खिताब जीते लेकिन यदि चयनकर्ताओं को लगेगा कि मुझे भी टीम का हिस्सा होना चाहिए तो फिर मैं खेलूँगा।

मुरलीधरन ने अपने एक्शन पर अँगुली उठाने वाले लोगों को करारा जवाब देते हुए कहा कि खुली आँख से देखने के बाद किसी की आलोचना करना आसान है लेकिन बायो मैकेनिक्स ने साबित किया है कि उनका एक्शन सही है।

उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और विश्व कप चैंम्पियन टीम के कप्तान अर्जुन रणतुंगा का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने बुरे दौर में हमेशा उनका समर्थन किया।

दुनियाभर के बल्लेबाज उनसे खौफ खाते थे लेकिन जब मुरलीधरन से पूछा गया कि उन्हें किस बल्लेबाज को गेंदबाजी करना मुश्किल लगा तो उन्होंने ब्रायन लारा और सचिन तेंडुलकर का नाम लिया।

उन्होंने स्पिनरों के खिलाफ श्रीलंकाई बल्लेबाजों की तकनीक की तारीफ की और कहा कि घरेलू मैचों में स्वयं उन्हें इन बल्लेबाजों के लिए गेंदबाजी करने में मुश्किल हुई।

मुरलीधरन ने कहा कि मैं श्रीलंकाई बल्लेबाजों को गेंदबाजी करना पसंद नहीं करता क्योंकि तब मेरी खूब धुनाई होती। मेरा मानना है कि सबसे मुश्किल खिलाड़ी श्रीलंकाई हैं। श्रीलंका में क्लब क्रिकेट खेलते हुए मैं इन बल्लेबाजों पर हावी नहीं हो पाता था।

मुरलीधरन ने कहा कि उनका 792 विकेट का रिकॉर्ड तोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब फ्रेड ट्रूमैन ने 302 विकेट लिए तो उन्होंने कहा था कि किसी के लिए भी उनका रिकॉर्ड तोड़ना बहुत मुश्किल होगा। लेकिन आज दुनिया के कई गेंदबाज उनसे आगे निकल गए हैं। (भाषा)

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