सहवाग ने जगाई जीत की आस

भारत जीत से 256 रन के फासले पर

Webdunia
रविवार, 14 दिसंबर 2008 (19:14 IST)
एंड्रयू स्ट्रॉस और पॉल कॉलिंगवुड की शतकीय पारियों से बैकफुट पर पहुँचे भारत को सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के आक्रामक तेवरों से इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में आज यहाँ नई संजीवनी मिली, जिससे 387 रन का विशाल लक्ष्य कुछ हद तक उसकी जद में दिख रहा है।

स्ट्रॉस ने दोनों पारियों में शतक जमाने का रिकॉर्ड बनाया और पहली पारी में 123 रन बनाने के बाद दूसरी पारी में 108 रन की जबरदस्त पारी खेली। कॉलिंगवुड ने भी 108 रन बनाए और स्ट्रॉस के साथ चौथे विकेट के 214 रन की साझेदारी की, जिससे इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी नौ विकेट पर 311 रन बनाकर समाप्त घोषित की।

सहवाग ने एमए चिदंबरम स्टेडियम में फिर से आक्रामक अंदाज में शुरुआत करके पहली पारी में 75 रन से पिछड़ने वाले भारत की सकारात्मक परिणाम की आस जगा दी। सहवाग 83 रन बनाकर ग्रीम स्वान की गेंद पर पगबाधा आउट हुए। उन्होंने केवल 68 गेंद का सामना किया तथा अपनी पारी में 11 चौके और चार छक्के लगाए ।

गौतम गंभीर (नाबाद 41) ने हमेशा की तरह अच्छे सहयोगी की भूमिका निभाई और वह राहुल द्रविड़ (नाबाद 2) के साथ क्रीज पर मौजूद हैं। भारत ने चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी में एक विकेट पर 131 रन बनाए हैं और उसे अब जीत के 256 रन की दरकार है।

भारत को स्ट्रॉस और कॉलिंगवुड की साहसिक पारियों की चमक फीकी करने के अभी कल दिन भर खेलना है और उसके यह आसान नहीं होगा क्योंकि पिच काफी टूट गई है और उसमें पाँचवें दिन बल्लेबाजी करना मुश्किल होगा।

मैच का चौथा दिन वैसे उतार-चढ़ाव वाला रहा। सुबह का सत्र पूरी तरह से स्ट्रॉस और कॉलिंगवुड के नाम पर रहा और इन दोनों ने भारत को कोई सफलता नहीं मिलने दी। दूसरे सत्र में जहीर खान (40 रन पर तीन विकेट) की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने वापसी की और पाँच विकेट लिए।

तीसरे सत्र में सहवाग ने चमक बिखेरी जिसके बाद सन्न पड़े चेपक स्टेडियम में एकदम से बिजली दौड़ने लगी और चारों तरफ चौके और छक्कों की धमक सुनाई देने लगी। इसी मैदान पर इस साल के शुरू में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तिहरा शतक जड़ने वाले सहवाग ने जेम्स एंडरसन के पहले ओवर में दो चौके जमाए और फिर स्टीव हार्मिसन के अगले ओवर में यही कारनामा दोहराया।

हार्मिसन को उन्होंने आगे भी नहीं बख्शा और उनके तीसरे ओवर में दो चौके जड़ने के बाद अंतिम गेंद बैकवर्ड प्वाइंट पर छह रन के भेजी। ऐसी स्थिति में केविन पीटरसन को छठे ओवर से ही स्पिनर मोंटी पनेसर को लाना पड़ा और सहवाग ने मिडविकेट पर छक्का जमाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने इसी गेंदबाज पर एक रन लेकर केवल 32 गेंद पर अपना 18वाँ टेस्ट अर्धशतक पूरा किया।

पनेसर को सहवाग ने आगे भी नहीं बख्शा और उनकी लगातार गेंद पर चौका और फिर लांग ऑन पर छक्का उड़ाया। स्वान की गेंद भी उन्होंने मिडविकेट पर छह रन के भेजी लेकिन इसके एक गेंद बाद एक्रॉस द लाइन खेलने के प्रयास में गेंद उनके पैड से टकरा गई और अंपायर डेरल हार्पर ने काफी सोचने के बाद उंगली उठा दी।

सहवाग ने गंभीर के साथ पहले विकेट के लिए 117 रन की साझेदारी की। जब वह आउट हुए तब भारत को जीत के 270 रन की दरकार थी। गंभीर (91 गेंद चार चौके) ने आखिर तक रक्षात्मक रवैया ही अपनाए रखा। द्रविड़ पर लगातार असफल रहने के कारण दबाव था और उन्होंने भी गेंद को पिच पर दबाकर खेलने में ही भलाई समझी।

इससे पहले सुबह इंग्लैंड ने तीन विकेट पर 172 रन से आगे खेलना शुरू किया। स्ट्रॉस ने दूसरी पारी में भी शतक जमाकर नया रिकॉर्ड बनाया, जिसके उन्होंने 244 गेंद खेली तथा आठ चौके लगाए। कॉलिंगवुड ने उनका अच्छा साथ निभाते हुए 250 गेंद का सामना करके शतक जमाया जिसमें नौ चौके शामिल हैं।

सुबह के सत्र में विकेट लेने में असफल रहे भारतीय गेंदबाजों ने 72 ओवर तक पसीना बहाने के बाद सफलता का स्वाद चखा। हरभजनसिंह ने इंग्लैंड की पारी के पतन की शुरुआत की जब उन्होंने स्ट्रॉस को आउट किया।

जहीर ने इसके बाद इंग्लैंड के दूसरे शतकवीर कॉलिंगवुड, हार्मिसन और स्वान को पैवेलियन भेजा जबकि ईशांत शर्मा ने एंड्रयू फ्लिन्टॉफ (4) का कीमती विकेट लिया। दिल्ली के इसी गेंदबाज ने चाय के विश्राम के तुरंत बाद जब मैट प्रायर (33) को सहवाग के हाथों कैच आउट कराया तो पीटरसन ने पारी समाप्त घोषित कर दी।

बहरहाल दिन स्ट्रॉस के नाम पर था और जब हरभजन ने लंच के बाद छठे ओवर में उन्हें आउट किया तब तक वह अपना काम कर चुके थे। वह ग्राहम गूच (लॉर्ड्स में 1990 में 333 और 123) के बाद इंग्लैंड के दूसरे बल्लेबाज बने जिसने भारत के खिलाफ दोनों पारियों में शतक जमाए। वैसे ओवरऑल इंग्लैंड की तरफ से दसवीं बार किसी बल्लेबाज ने यह कारनामा किया।

भारतीय गेंदबाजों ने लंच के बाद सही क्षेत्र में गेंदबाजी की जबकि इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने भी जोखिम भरे शॉट खेलने शुरू कर दिये। स्ट्रॉस फ्लिन्टॉफ और कॉलिंगवुड को खराब शॉट चयन का खामियाजा भुगतना पड़ा और इंग्लैंड ने केवल 20 रन के अंदर तीन विकेट गँवा दिए।

हरभजन ने बल्लेबाजों को ललचाने की नीति अपनायी और उनकी ऐसी ही गेंद को ड्राइव करने के प्रयास में स्ट्रॉस ने शार्ट कवर पर वीवीएस लक्ष्मण को कैच थमा दिया। इससे एक गेंद पहले कॉलिंगवुड ने एक रन लेकर अपना शतक पूरा किया था।
कॉलिंगवुड ने गजब का संयम दिखाया और भारत के खिलाफ छह मैचों में अपना दूसरा शतक और कुल सातवाँ टेस्ट शतक जमाया।

ईशांत ने फ्लिन्टॉफ पर दो बाउंसर मारकर उन्हें भयभीत करने की कोशिश की और इसके बाद आफ स्टंप पर शार्ट पिच गेंद फेंकी। फ्लिन्टाफ ने अपने कदमों का इस्तेमाल किये बिना उस पर बल्ला अड़ाया और धोनी को कैच दे दिया। कॉलिंगवुड पर थकान हावी हो चुकी थी और जहीर ने पगबाधा आउट करके उनकी पारी का अंत किया। वह 374 मिनट तक क्रीज पर रहे। इसके बाद भारतीय गेंदबाज पुछल्ले बल्लेबाजों पर हावी हो गए।
भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच का ऑनलाइन स्कोरकार्ड

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