हमारी आकाशगंगा से टकराएगी पड़ोसी आकाशगंगा

Webdunia
शनिवार, 2 जून 2012 (13:30 IST)
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हमारी आकाशगंगा मिल्की वे और उसकी पडो़सी आकाशगंगा के बीच टक्कर तय है। चार अरब साल बाद होने वाली यह टक्कर कितनी घातक होगी, इसका अंदाजा अभी नहीं लग पा रहा है। लेकिन टकराव की भविष्यवाणी करने वाली तस्वीरें सामने आ गई हैं।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अंतरिक्ष दूरबीन हबल ने पड़ोसी आकाशगंगा एंड्रोमेडा के आगे बढ़ने का पता लगाया है। नासा ने अपने बयान में कहा, 'सारे भ्रम खत्म हो गए हैं। यह मिल्की वे निश्चित तौर पर टकराएगी और उसी में मिल जाएगी।' मिल्की वे और एंड्रोमेडा गुरुत्व बल के खिंचाव की वजह से एक दूसरे की तरफ बढ़ रहे हैं।

अपने बयान में नासा ने कहा है, 'चार अरब साल बाद ही यह टक्कर होगी।' टक्कर का असर दो अरब साल तक चलता रहेगा। इसके बाद ही दोनों आकाशगंगाएं आपस में मिल जाएंगी। असंख्य सितारें नई कक्षाओं में चले जाएंगे। नासा के मुताबिक दोनों आकाशगंगाओं के ग्रह एक दूसरे से बहुत दूर हैं लेकिन टक्कर की वजह से ग्रह अपनी कक्षाओं से नई आकाशगंगा के केंद्र की ओर धकेल दिए जाएंगे। इसके आगे कुछ भी कहना अभी सिर्फ कयास लगाना होगा।

एंड्रोमेडा आकाशगंगा को वैज्ञानिक लंबे समय से जानते हैं। इसे एम31 भी कहा जाता है। नासा के मुताबिक एंड्रोमेडा कम से कम 4,00,000 किलोमीटर प्रति रफ्तार से मिल्की वे की तरफ बढ़ रहा है। फिलहाल मिल्की वे और एंड्रोमेडा के बीच 25 लाख प्रकाश वर्ष की दूरी बताई जाती है। एक प्रकाश वर्ष में 9.4605284 × 10 की घात 12 किलोमीटर होते हैं, यानी 94,60,52,84,00,000 किलोमीटर।

टक्कर के नतीजे को लेकर खगोलशास्त्री कोई ठोस जानकारी नहीं जुटा पा रहे थे। लेकिन हबल दूरबीन की ताजा तस्वीरों ने भविष्य के टकराव का पूर्वानुमान लगाने के लिए काफी साफ फोटो दी है। इस तस्वीर को पाने के लिए क्या किया गया, इसकी जानकारी बाल्टीमोर के स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट के जै एंडरसन देते हैं, 'पांच से सात साल तक एक निश्चित जगह पर आकाशगंगा की निगरानी से यह संभव हुआ।'

एंड्रोमेडा को 'एक छोटा बादल' भी कहा जाता है। इसकी खोज आज से 1848 साल पहले यानी 964 में ईरानी खगोलविद अब्द अल रहमान ने की। एक सदी से ज्यादा समय तक वैज्ञानिक इस आकाशगंगा और उसकी मिल्की वे से टक्कर होने की बात पर कयास ही लगाते रहे। लेकिन ताजा तस्वीरों से भ्रम के बादलों की एक परत साफ होती दिख रही है।

- ओएसजे/आईबी (एएफपी, डीपीए)

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