आदिवासियों ने मतदान से मुँह मोड़ा

Webdunia
मंगलवार, 28 अप्रैल 2009 (12:10 IST)
- भाषा सिंह
शहरों में अगर लोग अपनी राजनीतिक अकर्मण्यता के चलते वोट नहीं देते तो आदिवासी बहुल कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जो एक विशेष तरह की राजनीति से लैस होकर मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं।

महाराष्ट्र के जलगाँव जिले के 24 गाँवों के 22 हजार 800 आदिवासियों ने घोषित तौर पर इसलिए वोट नहीं दिया, क्योंकि जंगल कानून-2006 का सही क्रियान्वयन नहीं किए जाने से उनके जीवन पर संकट खड़ा हो गया है।

इस पूरे इलाके में लंबे समय से जल, जंगल और जमीन पर कब्जा बनाए रखने के लिए आदिवासी संघर्ष कर रहे हैं और 4 अप्रैल को उन्होंने बाकायदा आदिवासी पंचायत करके तमाम राजनीतिक पार्टियों से इस मुद्दे को हल करने को कहा और ऐसा न करने पर मतदान का बहिष्कार करने की घोषणा की।

इसी पंचायत का फैसला 23 अप्रैल को आदिवासियों ने लागू किया। ऐसा नहीं है कि वे वोट नहीं डालना चाहते या उनके वोट न डालने से वहाँ से कोई प्रत्याशी निर्वाचित नहीं होगा। यह उनके मुद्दों के प्रति जो राजनीतिक दलों की उदासीनता थी, उसकी वजह से आदिवासियों ने यह कड़ा कदम उठाया।
Show comments

जरूर पढ़ें

1 july rule changes : ATM से लेकर Railway तक 1 जुलाई से होने वाले है 5 बड़े बदलाव, नहीं जानेंगे तो पछताएंगे

अमित शाह की नक्सलियों को खुली चेतावनी, बोले- अब नहीं होगी बातचीत, हथियार छोड़ें, करें आत्मसमर्पण, बता दी आखिरी तारीख

केरल में थाने पहुंचा युवक, कहा- मेरे बैग में नवजात शिशुओं के कंकाल हैं

Hindi row : महाराष्ट्र में भाषा विवाद को लेकर बैकफुट पर फडणवीस सरकार, हिन्दी अनिवार्यता को लेकर CM का बड़ा ऐलान

रूस ने यूक्रेन में मचाई तबाही, दागे 477 ड्रोन और 60 मिसाइल, अमेरिका का F-16 भी हुआ क्षतिग्रस्त

सभी देखें

नवीनतम

प्रयागराज : दलित किशोरी का धर्मांतरण कर केरल में आतंकी बनाने की साजिश! पीड़िता की सहेली और उसका साथी गिरफ्तार

झरने में बही 6 लड़कियां, ऐसे बची जान, रेस्क्यू का वीडियो आया सामने

मंत्री संपत्तिया उइके पर लगाए आरोप मनगढ़ंत और तथ्यहीन

RBI गवर्नर मल्होत्रा बोले- आर्थिक वृद्धि के लिए वित्तीय स्थिरता भी जरूरी

नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को मिली गर्भपात की अनुमति, मां ने दायर की थी हाईकोर्ट में याचिका