उप्र में राजघरानों को प्रजा ने चटाई धूल

Webdunia
रविवार, 17 मई 2009 (17:02 IST)
पन्द्रहवीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में उत्तरप्रदेश के मतदाताओं ने कभी उनके स्वामी रह चुके राजघरानों के उम्मीदवारों पर बहुत मेहरबानी नहीं की। इन चुनावों में कई राजाओं को उनकी प्रजा ने धूल चटा दी।

उत्तरप्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर हालाँकि एक दर्जन से अधिक पूर्व राजे-महाराजे अपनी प्रजा के सामने उनका वोट पाने के लिए याचक की भूमिका में चुनाव मैदान में उतरे मगर उनमें से केवल तीन ही उनका आशीर्वाद पाने मे कामयाब हुए।

जिन तीन राजघरानों को चुनावों में कामयाबी हासिल हुई उनमें सुल्तानपुर से अमेठी राजघराने के डॉ. संजयसिंह, प्रतापगढ़ से राजकुमारी रत्नासिंह और कुशीनगर से आरपीएन सिंह शामिल हैं। यह इत्तेफाक ही है कि यह तीनों ही प्रत्याशी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते हैं।

हारने वालों में राजस्थान की डूँगरपुर रियासत से ताल्लुक रखने वाले राजा मानवेन्द्र सिंह, मनकापुर के कीर्तिवर्धन सिंह, अयोध्या राजघराने के विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, बाह रियासत के महेन्द्र अरिदमन सिंह और रामपुर के नवाब घराने की बेगम नूरबानो शामिल हैं।

मथुरा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में वर्ष 1984 1989 और 2004 में जीत दर्ज कर चुके राजा मानवेन्द्र सिंह इस बार राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीतसिंह के पुत्र जयंत चौधरी से चुनाव हार गए।

पिछली बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा पहुँचे मनकापुर राजघराने के कुँवर कीर्तिवर्धन सिंह इस बार हाथी की सवारी करके धोखा खा बैठे और कांग्रेस के उम्मीदवार बेनीप्रसाद वर्मा से गोंडा संसदीय सीट पर चुनाव हार गए।

पहली बार राजनीति के मैदान में किस्मत आजमाने उतरे अयोध्या राजघराने के राजा विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र ने हाथी की सवारी क्या की कि उन्हें फैजाबाद लोकसभा सीट पर कई बार चुनाव हार चुके कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल खत्री ने पटखनी दे दी।

बाह के राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह फतेहपुर सीकरी सीट जीतकर भाजपा के टिकट पर लोकसभा पहुँचना चाहते थे मगर हाथी पर सवार होकर पहला लोकसभा चुनाव लड़ रही सीमा उपाध्याय ने उनका रास्ता काट दिया। उत्तरप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय ने फतेहपुर सीकरी सीट पर कांग्रेस के राज बब्बर को नौ हजार वोटों से हराया और राजा को तीसरे स्थान पर धकेल दिया।

रामपुर नवाब घराने की बेगम नूरबानो को एक बार फिर से सपा की सिने स्टार उम्मीदवार जयाप्रदा से चुनाव मे मात खानी पड़ी जबकि फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे पूर्व प्रधानमंत्री और राजा मांडा दिवंगत वीपी सिंह के पुत्र अजेयसिंह को भी हार का मुँह देखना पड़ा।

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